एनपीआर पर बोलें तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव- जब मेरे पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं तो पिता का कहां से लाऊं

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने शनिवार को राज्य विधानसभा में खुलासा किया कि उनके पास भी कोई जन्म प्रमाणपत्र नहीं है. राव ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के नए प्रारूप का जिक्र करते हुए कहा, "जब मेरे खुद के पास जन्म प्रमाणपत्र नहीं है तो मैं अपने पिता का प्रमाणपत्र कहां से लाऊंगा

के. चंद्रशेखर राव (Photo Credit-Facebook)

हैदराबाद: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने शनिवार को राज्य विधानसभा में खुलासा किया कि उनके पास भी कोई जन्म प्रमाणपत्र नहीं है.  राव ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के नए प्रारूप का जिक्र करते हुए कहा, "जब मेरे खुद के पास जन्म प्रमाणपत्र नहीं है तो मैं अपने पिता का प्रमाणपत्र कहां से लाऊंगा. " नया प्रारूप 1 अप्रैल से लागू होना है. मुख्यमंत्री के तौर पर खासे लोकप्रिय, 66 वर्षीय केसीआर ने आगे कहा, "यह मेरे लिए भी चिंता की बात है.

मैं गांव में अपने घर पर पैदा हुआ था.  उस वक्त वहां कोई अस्पताल नहीं थे.  गांव के बुजुर्ग ही 'जन्मनामा' लिखते थे, जिस पर कोई आधिकारिक मुहर नहीं होती थी. उन्होंने कहा, "जब मैं पैदा हुआ था, हमारे पास 580 एकड़ जमीन थी और एक इमारत भी थी। जब मैं अपना जन्म प्रमाणपत्र पेश नहीं कर पा रहा तो दलित, आदिवासी और गरीब लोग कहां से जन्म प्रमाणपत्र लाएंगे. दिन में दूसरी बार सदन में इस मुद्दे पर बोलते हुए केसीआर ने कहा कि तेलंगाना राष्ट्र समिति की अपनी कुछ प्राथमिकताएं और सिद्धांत हैं, जिनसे वह कभी समझौता नहीं करेंगे. यह भी पढ़े: NRC और एनपीआर के खिलाफ तमिलनाडु विधानसभा में प्रस्ताव ला सकती है सरकार, सीएम पलानीस्वामी बोले- कर रहे हैं विचार

मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिक संशोधन कानून की सबसे बुरी बात यह है कि ये भारतीय संविधान के मूल सिद्धांत के ही खिलाफ है. जैसे संविधान सभी नागरिकों को उनकी जाति, धर्म और पंथ से इतर समान व्यवहार करने का वादा करता है. उन्होंने कहा, "कोई भी सभ्य समाज एक ऐसे कानून को स्वीकार नहीं करेगा, जो एक धर्म विशेष के लोगों को बाहर रखता हो. केसीआर ने कहा कि सदन इस मुद्दे पर पूरी तरह से बहस करने के बाद संकल्प पारित करेगा, ताकि पूरे देश को इस मामले में एक मजबूत संदेश दिया जा सके.

यह मामला देश के भविष्य, इसके संविधान और दुनिया में उसके कद से जुड़ा हुआ है.  उन्होंने चिंता जताई कि ऐसे कानून के कारण देश सम्मान खो रहा है. राव ने कहा, "हम इस देश का हिस्सा हैं और हम अपनी सीमा में रहकर जो कर सकते हैं, वो करेंगे और किसी से भी नहीं डरेंगे. "

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