Hyderpora Encounter Case: एनकाउंटर में मारे गए बेटे का चेहरा देखना चाहते थे पिता, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

सुप्रीम कोर्ट ने हैदरपोरा मुठभेड़ में मारे गए चार लोगों में से एक, आमिर माग्रे के पिता की याचिक को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने बेटे के शव को अंतिम संस्कार के लिए निकालने की मांग की थी.

Supreme Court

Hyderpora Encounter: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) श्रीनगर के हैदरपोरा में पिछले साल की विवादास्पद मुठभेड़ में मारे गए चार लोगों में से एक, आमिर माग्रे के पिता की याचिक को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने बेटे के शव को अंतिम संस्कार के लिए निकालने की मांग की थी. SC to Hear PILs Against CAA Today: सीएए के खिलाफ आज 200 से ज्यादा जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
अब्दुल लतीफ मागरे अपने बेटे की कब्र से उसके शव को निकलवाने की कोशिश में थे, जिसकी मौत नौ महीने पहले श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में एक एनकाउंटर के दौरान 3 अन्य लोगों के साथ हो गई थी. इस एनकाउंटर में चार लोगों की मौत हुई थी. इनमें से एक को पाकिस्तानी आतंकवादी बताया गया, बाकी तीन के परिवारों ने पुलिस के दावों का विरोध किया. इस मामलें में पुलिस ने एक बिजनेसमैन अलताफ भट और डॉक्टर मुदस्सर गुल के शवों को कब्र से बाहर निकालकर उनके परिवारों को सौंप दिया ताकि वह विधिपूर्वक उनका अंतिम संस्कार कर सकें.
इस मामले में आमिर की डेड बॉडी हंदवारा में ही रह गई. हालांकि पुलिस ने कहा था कि आमिर एक आतंकवादी था.  बता दें कि आमिर के पिता मागरे आतंकियों से लड़ने के लिए सरकार की ओर से वीरता पुरुस्कार दिया गया है.
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने 27 मई को मागरे की याचिका पर प्रशासन को आदेश दिए थे कि वह आमिर के शरीर को उनके परिवार को सौंपे. हाईकोर्ट ने कहा था कि उनके परिवार को अंतिम संस्कार से वंचित करना अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है. इसके बाद भी प्रशासन ने इस आदेश का पालन नहीं किया, जिसके बाद आमिर के पिता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जहां उन्हें निराशा हाथ लगी और उनकी याचिका खारिज कर दी गई.

Share Now

\