Hyderabad: रेलवे और एफसीआई में नौकरी का झांसा देकर लोगों को ठगने वाला सीरियल धोखेबाज गिरफ्तार
भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India) और रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर 100 से अधिक लोगों को कथित तौर पर 10 करोड़ रुपये से अधिक ठगी के आरोप में सिकंदराबाद में एक बड़ी कार्रवाई में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. दोनों आरोपियों को पुलिस ने सोमवार को सिकंदराबाद (Secunderabad) में एक ठिकाने से गिरफ्तार किया....
हैदराबाद: भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India) और रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर 100 से अधिक लोगों को कथित तौर पर 10 करोड़ रुपये से अधिक ठगी के आरोप में सिकंदराबाद में एक बड़ी कार्रवाई में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. दोनों आरोपियों को पुलिस ने सोमवार को सिकंदराबाद (Secunderabad) में एक ठिकाने से गिरफ्तार किया. द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, एक गुप्त सूचना मिलने के बाद, राचकोंडा एसओटी के अधिकारियों और जवाहरनगर पुलिस ने कथित 57 वर्षीय सीरियल धोखेबाज पी भास्कर को और उसके 41 वर्षीय साथी के रितेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया. यह भी पढ़ें: Brother Shoots Sister Dead: छोटे भाई की शराब पीने की लत से महिला थी परेशान, झगड़े में युवक ने बहन को दागी गोलियां
भास्कर कथित तौर पर एक मनी ट्रांसफर धोखाधड़ी में भी शामिल है, जहां उसने भारतीय रिजर्व बैंक से अपना 'विदेशी धन' जारी करने के लिए लोगों को ठगा. राकाचोंडा के आयुक्त महेश भागवत के अनुसार, मुख्य आरोपी भास्कर, जो दिल्ली में संपर्क कार्य और रेलवे ठेके में था, ने कथित तौर पर दिल्ली, तेलंगाना और अन्य राज्यों में कई पीड़ितों को धोखा दिया.
फर्जी एफसीआई नियुक्ति पत्र और फर्जी पहचान पत्र देकर दोनों ने कथित तौर पर करीमनगर और जवाहरनगर में 16 लोगों से करीब 93.5 लाख रुपये वसूले. कई शिकायतें दर्ज होने के बाद जवाहरनगर पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर आरोपी को पकड़ने के लिए विशेष टीम गठित की थी.
साल 2022 में नौकरी धोखाधड़ी के लिए, भास्कर और उसके सहयोगियों के खिलाफ हैदराबाद के गांधीनगर पुलिस स्टेशन, राचकोंडा में घाटकेसर, वारंगल में नरसंपेट टाउन पीएस और साइबराबाद में मियापुर में मामला दर्ज किया था. आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उनके पास से फर्जी ऑफर लेटर, दो कार और नौ लाख रुपये नकद भी बरामद किया है.
आयुक्त ने यह भी कहा कि आरोपियों ने पश्चिम बंगाल, चेन्नई, दिल्ली और हैदराबाद से करीब 10 करोड़ रुपये की वसूली की. आयुक्त ने कहा, "हम उसकी गतिविधियों और गिरोह में अन्य लोगों के बारे में अधिक जानकारी हासिल करने के लिए उसकी हिरासत की मांग करेंगे."