हैदराबाद सीरियल ब्लास्ट: NIA कोर्ट ने सुनाया फैसला, 42 निर्दोषों की जान लेनेवाले को दी सजा-ए-मौत

हैदराबाद में वर्ष 2007 में हुए दोहरे बम धमाके पर एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने सोमवार को अपना फैसला सुना दिया. कोर्ट ने इस जघन्य अपराध के लिए दो दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है, जबकि एक को उम्रकैद की सजा दी.

हैदराबाद सीरियल ब्लास्ट (Photo Credits: PTI)

हैदराबाद: हैदराबाद में वर्ष 2007 में हुए दोहरे बम धमाके पर एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने सोमवार को अपना फैसला सुना दिया. कोर्ट ने इस जघन्य अपराध के लिए दो दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है, जबकि एक को उम्रकैद की सजा दी. गौरतलब है कि हैदराबाद के दो इलाकों में बम धमाके हुए थे, जिसमें 42 लोगों की मौत हो गई थी और 50 से ज्यादा जख्मी हुए थे.

स्पेशल कोर्ट ने अनीक सईद और इस्माइल चौधरी को फांसी की सजा मुकर्रर की. अनीक ने कथित तौर पर लुम्बिनी पार्क में बम रखा था, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं इस्माइल चौधरी ने दिलसुखनगर में बम रखा था, लेकिन इसमें विस्फोट नहीं हुआ था. जबकि एक दोषी तारिक अंजुम को उम्रकैद की सजा सुनाई है. एनआईए कोर्ट ने तारिक अंजुम को अन्य आरोपियों को शरण देने के अपराध में सजा दी है.

सभी इंडियन मुजाहिदीन के कथित आतंकवादी थे. अदालत ने सजा पाए सभी आरोपियों को चार सितंबर को ही दोषी ठहराया था. कोर्ट ने दो और अन्य आरोपियों फारूख शरफुद्दीन और सादिक अहमद शेख को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया. जबकि एक आरोपी पर फैसला अगले हफ्ते सुनाया जाएगा.

तेलंगाना पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस सेल ने मामले की जांच के बाद पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया. जांच एजेंसी ने इस धमाके में कुल सात लोगों को आरोपी बताते हुए उनके खिलाफ चार आरोप-पत्र दायर किए थे. जिनमें दो फरार आरोपी रियाज भटकल और इकबाल भटकल को भी नामजद किया गया था.

गौरतलब हो कि यह दोहरा धमाका 25 अगस्त 2007 को हुआ था. करीब 11 साल पहले हुए इस धमाके में एक बम धमाका गोकुल चाट में हुआ, जिसमें 32 लोगों की मौत हुई. जबकि दूसरा लुंबिनी पार्क में हुआ था जिसमें 10 आम नागरिकों की जान गई थी.

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