VIDEO: अब कैसा है उत्तरकाशी का धराली गांव? 13 दिन पहले आई थी आपदा, बदल गई है पूरे इलाके की तस्वीर
Photo- @AjitSinghRathi/X

Dharali Cloudburst: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में धराली आपदा (Dharali Flash Flood) का आज तेरहवां दिन है, जहां हालात सुधरने की बजाय और बिगड़ते दिख रहे हैं. सबसे बड़ी समस्या यह है कि इन पहाड़ी गांवों में तैयार हो रही सेब की फसल (Apple Harvest) अब खेतों में ही खराब होने का खतरा मंडरा रहा है. अगर किसानों की साल भर की मेहनत बाजार तक नहीं पहुंची तो घाटी की पूरी अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लग सकता है. गंगोत्री धाम (Gangotri Dham) के साथ उत्तरकाशी (Uttarkashi) के कई गांव अभी भी जिला मुख्यालय से कटे हुए हैं.

डबरानी के पास करीब 200 मीटर सड़क पूरी तरह बह गई है. यह जगह अब डेंजर जोन बन गई है. विशेषज्ञों का मानना है कि यहां स्थायी समाधान सुरंग बनाकर ही संभव है.

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जिंदगियों पर मंडराया संकट

सड़क खुलवाने में जुटी BRO की टीम

BRO की टीम लगातार कोशिश कर रही है लेकिन पिछले आठ दिनों से कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी. जब तक डबरानी का रास्ता नहीं खुलागा, तब तक सौनगाड़ और आगे के गांव भी पूरी तरह से ब्लॉक रहेंगे. इस सड़क बंदी का असर सीधे-सीधे की जिंदगी पर पड़ रहा है.

लोग राशन और गैस का सामान पैदल ही अपने घर तक ले जाने को मजबूर हो रहे हैं. कई घरों में नमक, तेल, चीनी और चाय जैसे जरूरत की चीजें भी खत्म हो चुकी हैं.

 

सेब की फसल को लेकर किसानों की चिंता

जिला प्रशासन कह रहा है कि सड़क खुलते ही अगले छह महीने का राशन बांट दिया जाएगा. लेकिन यह सड़क कब खुलेगी, यह कोई नहीं जानता. इस बीच, भूख और अनिश्चितता के बीच ग्रामीणों को हर दिन नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. सेब की फसल को लेकर किसानों की चिंता बढ़ गई है।

अगर जल्द ही कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं निकाला गया, तो यह आपदा न केवल प्राकृतिक संकट, बल्कि यहाँ के लोगों के लिए आर्थिक आपदा भी साबित हो सकती है.