VIDEO: समुद्र में कैसे डूब गया द्वारका धाम? महाभारत में है इसका सबूत! जानें कृष्ण नगरी से जुड़े बड़े रहस्य
द्वारका केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, यह एक रहस्यमय शहर भी है. कहा जाता है कि द्वारका का एक बड़ा हिस्सा समुद्र में डूब गया है, और इस जलमग्न शहर के बारे में कई कहानियां और किंवदंतियां प्रचलित हैं.
द्वारका, गुजरात के पश्चिमी तट पर स्थित एक ऐतिहासिक शहर है, जो अपनी धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है. यह शहर भगवान कृष्ण से जुड़ा हुआ है, जिनका माना जाता है कि उन्होंने द्वारका में अपनी राजधानी स्थापित की थी.
लेकिन द्वारका केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, यह एक रहस्यमय शहर भी है. कहा जाता है कि द्वारका का एक बड़ा हिस्सा समुद्र में डूब गया है, और इस जलमग्न शहर के बारे में कई कहानियां और किंवदंतियां प्रचलित हैं.
डूबे हुए द्वारका के रहस्य:
- पौराणिक कथाओं के अनुसार, द्वारका 7 बार समुद्र में डूबा और उभरा है.
- कुछ लोगों का मानना है कि द्वारका अभी भी समुद्र के नीचे मौजूद है, और इसे खोजा जा सकता है.
- वैज्ञानिकों ने द्वारका के तट पर कुछ अवशेष खोजे हैं, जो इस बात का प्रमाण हो सकते हैं कि एक समय यहां एक विशाल शहर था.
जलमग्न द्वारका के बारे में कुछ रोचक तथ्य:
- यह माना जाता है कि द्वारका में भगवान कृष्ण का भव्य महल था, जो सोने और चांदी से बना था.
- कहा जाता है कि द्वारका में 700 द्वार थे, इसलिए इसका नाम द्वारका पड़ा.
- द्वारका को "गोमती द्वारका" भी कहा जाता है, क्योंकि यह गोमती नदी के मुहाने पर स्थित है.
जलमग्न द्वारका एक रहस्यमय और रोमांचक जगह है. यह उन लोगों के लिए एक आकर्षक स्थान है जो इतिहास, पुरातत्व और रहस्यों में रुचि रखते हैं.
डूबने की क्या थी वजह
पौराणिक कथा के अनुसार, जरासंध द्वारा लोगों पर किए जा रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने मथुरा छोड़ दिया. श्रीकृष्ण ने समुद्र तट पर द्वारका नगरी बसाई. माना जाता है कि महाभारत के 36 साल बाद द्वारका शहर समुद्र में डूब गया था.
महाभारत में पांडव विजयी हुए और सभी कौरवों का विनाश हो गया. इसके बाद जब हस्तिनापुर में युधिष्ठिर का राज्याभिषेक हो रहा था तो श्रीकृष्ण भी वहां मौजूद थे, तब गांधारी ने महाभारत युद्ध के लिए श्रीकृष्ण को दोषी ठहराया और श्रीकृष्ण को श्राप दिया कि जिस प्रकार मेरे कुल का नाश हुआ है, उसी प्रकार, तुम्हारे कुल का विनाश हो जाएगा. तुम्हारी नगरी समुद्र की गहराई में डूब जाएगी. माना जाता है कि इसी श्राप के कारण श्रीकृष्ण की द्वारका नगरी पानी में डूब गई थी.