सोशल मीडिया पर इन दिनों एक फेक न्यूज तेजी से वायरल हो रही है. इस वायरल मैसेज में अपील की जा रही है कि होली (Holi) के त्यौहार में चीनी उत्पादों न खरीदे. दावा किया जा रहा है कि, चीनी उत्पाद खरीदने पर कोरोनावायरस (CoronaVirus) फैल सकता है. इसलिए चीन से आने वाला सामान न खरीदें. वहां से आए सामान का उपयोग करने पर आप कोरोना वायरस के संक्रमण का शिकार हो सकते हैं इसलिए चीन से आए सामान से दूर रहें. मैसेज के साथ एक ग्राफिक कार्ड शेयर किया जा रहा है. जिसमें लोगों से होली के त्योहार पर चीन में बने रंग-गुलाल न खरीदने की अपील की गई है. इस ग्राफिक कार्ड में ऊपर World Health Organisation और भारत सरकार लिखा हुआ है.
यह नोट व्हाट्सऐप, फेसबुक और ट्विटर पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस नोट में लिख गया है. भारत के त्योहारों में बड़ा त्योहार होली को की कुछ दिनों में आने वाली है. हमारे देश भारत में जितने भी रंग गुलाल और मास्क वीक और भी बहुत सारा सामान चीन से आता है. आप जिसे सस्ता और आकर्षित सोचकर खरीद लेते हैं उसमे पोलीमर की कोसी का उपयोग होता है. आपको जानकारी दे कि इसमें कोसी चीन के हुनेई (Hunei) से बना कर आती है. जहां कोरोना वायरस का कहर शुरू हुआ. आप सभी से अपील है कि चीन से आने वाले सामान का प्रयोग न करें.
यहां देखें ट्वीट-
इस वर्ष होली में चीन के गुलाल और रंग को कैसे पहचाना जाय? pic.twitter.com/IkMqVC92VS
— Constable Mastana (@HarishK04131926) February 20, 2020
पड़ताल में नोट को पाया गया फर्जी
हम आपको बताते हैं क्या वाकई ऐसा कुछ है. भारत सरकार ने चीनी सामान न लेने को लेकर कोई अधिसूचना जारी की है या नहीं? दरअसल यह न्यूज पूरी तरह फेक है. न तो भारत सरकार ने और न ही WHO ने ऐसी कोई सलाह जारी की है. अफवाह फैलाने वाले ने अपने शीर्ष पर विश्व स्वास्थ्य संगठन लिखने वाली एक छवि बनाई है और इसके नीचे GOI के लोगो का उपयोग करते हुए, नकली संदेश के साथ उसे पोस्ट किया है. नोट में व्याकरण संबंधी कई त्रुटियां हैं, जिनसे यह स्पष्ट होता है कि यह पूरी तरह फेक है. इस नोट को सिर्फ फर्जी समाचार फैलाने के इरादे से फैलाया गया है.
इसके अलावा, इस संदेश में सबसे बड़ी त्रुटि यह है कि कोरोनावायरस के प्रकोप का केंद्र हुनेई नहीं बल्कि हुबेई है. हुबेई चीन का एक केंद्रीय प्रांत है, जिसके वुहान शहर में सबसे पहले COVID-19 मामले की सूचना मिली थी. कोरोनावायरस यही से फैला है.
वायरल हो रहे कार्ड में बहुत सारी गलतियों से यह साबित होता है कि यह पूरी तरह फर्जी है. WHO या भारत सरकार द्वारा कोई भी एडवाइजरी जारी होती है तो वह आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड की जाती है, लेकिन इस तरह की कोई एडवाइजरी आधिकारिक वेबसाइट पर नहीं है, न ही किसी आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट से इसे पोस्ट किया गया है.