Shimla Protests: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh ) की राजधानी शिमला के संजौली इलाके में मस्जिद को लेकर चल रहा हिंदू संगठनों का विरोध (Shimla Mosque Dispute) थमने का नाम नहीं ले रहा है. आज फिर बड़ी संख्या में हिंदू संगठनों के लोग विरोध प्रदर्शन के लिए इकट्ठा हुए, जिन्होंने पुलिस के बैरिकेड्स तोड़ दिए. प्रदर्शनकारी अब मस्जिद की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है, जो उन्हें रोकने का प्रयास कर रहा है. बैरिकेड्स तोड़े जाने के बाद पुलिस ने भी भीड़ को आगे बढ़ने से रोकने के लिए लाठीचार्ज किया.
विक्रमादित्य सिंह का बयान
हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्य के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इस मुद्दे पर बयान दिया है. उन्होंने कहा, "हर किसी को शांतिपूर्ण ढंग से विरोध करने का अधिकार है, लेकिन ऐसी स्थिति नहीं उत्पन्न होनी चाहिए जिससे राज्य की शांति भंग हो. राज्य का कानून और व्यवस्था बिगड़ने नहीं दिया जा सकता. यह मामला अदालत में है और यदि इसे अवैध पाया जाता है, तो कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी और उसे गिराया जाएगा."
#WATCH | Shimla Protests | Himachal Pradesh: Police use water cannons against the protestors to disperse them while they are on their way to the alleged illegal construction of a mosque in the Sanjauli area pic.twitter.com/tmDXReNG4A
— ANI (@ANI) September 11, 2024
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार का बयान
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान का भी इस मुद्दे पर बयान आया है. उन्होंने कहा कि यह अवैध निर्माण का मामला है, इसे मस्जिद विवाद से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. नरेश चौहान ने कहा, "लोगों ने इस मुद्दे पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया है. प्रशासन और पुलिस पूरी तरह से तैयार है ताकि शांति बनी रहे. हमने पहले ही धारा 163 लागू कर दी है."
#WATCH | Shimla Protests | Himachal Pradesh: Police lathi-charge the protestors in order to disperse them while they are on their way to the alleged illegal construction of a mosque in the Sanjauli area pic.twitter.com/u6MZxlpYdu
— ANI (@ANI) September 11, 2024
मस्जिद निर्माण का विवाद
हिंदू संगठनों की मांग है कि मस्जिद का अवैध निर्माण गिराया जाए. यह विवाद तब और भड़क उठा जब कल मलयाना में दो समुदायों के बीच झड़प हुई थी. यह मामला हिमाचल प्रदेश की राजनीति में भी जोर पकड़ रहा है. हाल ही में हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विधानसभा में मस्जिद निर्माण के मुद्दे पर कड़ा बयान दिया था.
#WATCH | Shimla Protests | Himachal Pradesh: Protests and sloganeering continue in Shimla against the alleged illegal construction of a mosque in the Sanjauli area pic.twitter.com/yGrAMwBp6v
— ANI (@ANI) September 11, 2024
उन्होंने कहा था, "संजौली बाजार में महिलाओं का चलना मुश्किल हो गया है. चोरी की घटनाएं हो रही हैं, लव जिहाद जैसी घटनाएं हो रही हैं, जो राज्य और देश के लिए खतरनाक हैं. मस्जिद का अवैध रूप से निर्माण किया गया है. पहले एक मंजिल बनाई गई, फिर बिना अनुमति के बाकी मंजिलें बनाई गईं. एक 5 मंजिला मस्जिद खड़ी कर दी गई है. प्रशासन से सवाल है कि मस्जिद के अवैध निर्माण के लिए बिजली और पानी की आपूर्ति क्यों नहीं काटी गई?"
ओवैसी का कांग्रेस पर हमला
AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हिमाचल प्रदेश के मंत्री अनिरुद्ध सिंह के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कांग्रेस पर बीजेपी की भाषा बोलने का आरोप लगाया था. ओवैसी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा था, "हिमाचल सरकार बीजेपी की है या कांग्रेस की? हिमाचल की 'मोहब्बत की दुकान' में केवल नफरत भरी हुई है."
यह मस्जिद विवाद न केवल स्थानीय मुद्दा बना हुआ है, बल्कि राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का भी विषय बन गया है. जहां एक ओर हिंदू संगठनों ने अवैध निर्माण के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, वहीं दूसरी ओर इस विवाद ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है. अब देखना यह होगा कि न्यायालय का क्या निर्णय आता है और प्रशासन किस तरह से कानून व्यवस्था बनाए रखता है.