राजस्थान हाई कोर्ट (Rajasthan High Court) का एक ऐतिहासिक फैसला सामने आया है. जिसके तहत गैंगरेप के दोषी को पैरोल पर 15 दिन पत्नी संग रहने की इजाजत दी गई है. आपको बता दें कि पंजाब में कैदियों को वंश बढ़ाने के लिए जीवन साथी यानी पत्नियों संग अकेले में समय बिताने के लिए जेल परिसर में ही एक अलग कमरे की व्यवस्था की गई है. Gurugram: बुजुर्ग दंपती की पिटाई करने के आरोप में पांच पुलिसकर्मी निलंबित, तीन गिरफ्तार
दोषी को 13 जून 2020 को कोर्ट ने सजा सुनाई थी. राज्य में कोर्ट का रेप के दोषी को पैरोल देने का यह पहला मामला है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, संतान के लिए कोर्ट ने दोषी की पत्नी की मौलिक और संवैधानिक अधिकारों को ध्यान में रखते हुए पैरोल याचिका को स्वीकार किया है. दोषी दो साल से जेल में बंद है.
आपको बता दें कि कोर्ट ने नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत अलवर जेल में 20 साल की सजा काट रहे राहुल बघेल (22) को अपनी पत्नी के साथ समय बिताने के लिए रिहा करने का आदेश दिया.
राजस्थान में यह पहला फैसला है, जिसमें दुष्कर्म के दोषी को पैरोल दी गई है. राजस्थान के पैरोल नियमों के तहत, दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म के दोषी को आमतौर पर पैरोल नहीं दी जाती है या उसे खुली जेल में नहीं भेजा जाता है.
याचिका में कहा गया है कि पत्नी को गर्भवती होने या दंपति को बच्चा पैदा करने से रोकना संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 की भावना के खिलाफ होगा. अलवर जिले के हनीपुर में 2019 में 16 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में 13 जून, 2020 को अलवर पोक्सो अदालत ने 20 साल की जेल की सजा सुनाई थी.