Heat Stroke: क्या फर्क है लू और हीट स्ट्रोक में? जानें लू के लक्षण और लू पीड़ित क्या करें क्या ना करें!
प्रचंड गर्मी से झुलसती हवाओं का शिकार हाल में महाराष्ट्र के न्यू मुंबई में देखने को मिला है, और इसके दुष्परिणाम भी लोगों ने देखे. उत्तर भारत की स्थिति और भी भयावह है.
प्रचंड गर्मी से झुलसती हवाओं का शिकार हाल में महाराष्ट्र के न्यू मुंबई में देखने को मिला है, और इसके दुष्परिणाम भी लोगों ने देखे. उत्तर भारत की स्थिति और भी भयावह है. मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) ने उत्तर भारतीय राज्यों दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और राजस्थान के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है, जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए ‘ऑरेंज एलर्ट’ जारी की है. यहां डॉ जितेंद्र सिंह लू के लक्षण, लू से बचने एवं लू लगने पर क्या करें के संदर्भ में आवश्यक जानकारी दे रहे हैं. यह भी पढ़ें: Heatwave in Asia: भीषण गर्मी की लहर, एशियाई इतिहास में सबसे खराब अप्रैल हीटवेव
लू और हीट स्ट्रोक में फर्क!
अकसर लोग लू और हीट स्ट्रोक को बस शब्दों का फर्क समझते हैं, डॉ जितेंद्र सिंह के अनुसार दोनों में फर्क है. हीट स्ट्रोक वह स्थिति है, जब लगातार कई घंटे तक अत्यधिक गर्म स्थान पर रहना पड़े. इसकी वजह से व्यक्ति को चक्कर आता है, कभी-कभी बेहोशी भी आ जाती है. यह जानलेवा भी साबित हो सकता है, जैसा कि पिछले दिनों न्यू मुंबई में सुनने को मिला. इसके विपरीत लू गर्म मौसम से उत्पन्न वह स्थिति होती है, जब हवा में घुली गर्मी इतनी बढ़ जाती है, कि व्यक्ति विशेष के शरीर का तापमान भी बढ़ जाता है. लू से पीड़ित व्यक्ति की पहचान इन लक्षणों से की जा सकती है.
लू लगने के लक्षण
* शरीर का तापमान बढ़ने लगता है.
* शरीर में पानी की कमी हो जाने से त्वचा गर्म और शुष्क हो जाती है.
* सिर दर्द होता है.
* मतली आती है.
* कभी-कभी पीड़ित बेहोश भी हो जाता है.
* दिल की धड़कन अपेक्षाकृत बढ़ जाती है.
* गर्मी होने के बावजूद पसीना नहीं आता है.
* मांसपेशियों में कमजोरी या ऐंठन महसूस होती है.
लू लगने पर क्या करें
* पीड़ित को ठंडे स्थान में रखें, तथा नींबू पानी अथवा नारियल पानी या फिर इलेक्ट्रॉल पिलायें.
* शरीर के तापमान को कम करने के लिए कपड़े उतारें और ठंडे पानी से स्नान कराएं या स्पंज करें
* पंखा अथवा एयर कंडीशनर का प्रयोग करें
* लू लक्षणों के दिखने पर या पीड़ित की स्थिति को देखते हुए उसे तुरंत डॉक्टर की दिखाएं.
* किसी भी तरह की दवाएं देने से बचिये.
क्या करें और क्या ना करें
(ये कार्य करें)
* ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं, पूरे दिन में कम से कम पानी समेत 8 गिलास तरल पदार्थ लें.
* हल्का एवं संतुलित भोजन लें. भोजन हरी सब्जियां एवं फलों की मात्रा बढ़ाएं.
* हलके, ढीले-ढाले सूती कपड़े पहनें. बाहर निकलते समय छाता, टोपी, चश्मा एवं जूते अवश्य पहनें.
* सफर के दौरान पानी का बोतल साथ में रखें.
* अपने घर को ठंडा रखें, रात में पर्दे या सनशेड का इस्तेमाल करें.
* पशु पक्षियों के लिए भी पानी की व्यवस्था करें.
* रास्ते में आम का पना अथवा बेल का शर्बत अवश्य पीयें.
(इन कार्यों से बचें)
* कड़ी धूप में विशेषकर दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक बाहर जाने से बचें.
* धूप में तेजी आने के पश्चात भारी-भरकम वर्कआउट से बचें
* ज्यादा गरम मौसम में शराब, कॉफी, एवं कार्बोनेटेड शीतल पेय से बचें, ये पदार्थ शरीर को निर्जलित करते हैं.
* बच्चों एवं पालतू जानवरों को गाड़ी के भीतर छोड़कर नहीं जायें.