देहरादून, 1 अगस्त: पिछले तीन साल से अधर में लटकी प्राथमिक शिक्षक भर्ती की मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है सरकार ने 15 नवंबर 2021 को एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों को इस भर्ती में शामिल करने का आदेश किया था जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था. यह भी पढ़े: Uttarakhand Teacher Recruitment 2023: खुशखबरी! उत्तराखंड में शिक्षा विभाग में बंपर भर्ती, 2364 पदों के लिए निकली नौकरी
रद्द होने से नाराज अभ्यर्थी सरकार के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट चले गए थे हाईकोर्ट ने एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती में शामिल करने का आदेश किया था इस फैसले के खिलाफ पहले बीएड अभ्यर्थी और फिर सरकार सुप्रीम कोर्ट गई लगभग दो लाख से अधिक बेरोजगारों की इस फैसले पर नजर है.
शिक्षा विभाग में 2600 से अधिक पदों पर होने वाली भर्ती पिछले तीन साल से लटकी है हाईकोर्ट से एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला आने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है.
30 जून 2023 को शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने इस मामले की जल्द सुनवाई के लिए शिक्षा निदेशक को सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिए जाने के निर्देश दिए थे। शासन की ओर से दिए गए आदेश में कहा गया कि स्कूलों में शिक्षक न होने की वजह से छात्र-छात्राओं के भविष्य पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.
उत्तराखंड में एनआईओएस डीएलएड अभ्यर्थियों की संख्या करीब 37000 है वहीं, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों से हर साल 650 अभ्यर्थी दो साल का डीएलएड कोर्स कर निकल रहे हैं, जबकि डेढ़ लाख बीएड अभ्यर्थी हैं इन अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है.
नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ हरिद्वार निवासी बीएड अभ्यर्थी जयवीर सिंह, प्रियंका रानी, उमेश कुमारी, पंकज कुमार सैनी सुप्रीम कोर्ट गए हैं याचिकाकर्ता प्रियंका रानी का कहना है कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सालिसिटर जनरल से पैरवी करवानी चाहिए.