कोरोना को मात देने के लिए देश में आयुष दवाओं का ट्रायल किया गया शुरू, जल्द मिल सकती है गुड न्यूज
आयुर्वेद की जो अंतर्निहित ताकत है उसका वास्तविक इस्तेमाल जो देश और दुनिया के लिए होना चाहिए वो शायद हो नहीं पाता है. देश, दुनिया के सामने आयुर्वेद की श्रेष्ठता को हम मॉडर्न वैज्ञानिक तरीके से सिद्ध करके प्रस्तुत करेंगे.
नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) का संक्रमण बढ़ता जा रहा है. गुरुवार को देश में कोविड-19 (COVID-19) पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या बढ़कर 52,952 हो गई है. जबकि 1783 संक्रमितों ने दम तोड़ दिया है. वहीं 15,266 लोग स्वास्थ्य होकर घर लौट चुके है. इस बीच महामरी से निपटने के लिए देश में आयुष की कुछ दवाईयों के क्लीनिकल ट्रायल की शुरुआत की गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन (Harsh Vardhan) ने आज इस बात की जानकारी दी है.
केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने बताया कि आज से अश्वगंधा, यष्टिमधु, गुडूची पिप्पली, आयुष-64 जैसी आयुष दवाओं का क्लीनिकल ट्रायल स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों पर शुरू किया गया है. इसमें आयुष मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत सीएसआईआर (CSIR) और ICMR (आईसीएमआर) भी तकनीकी समर्थन दे रहा है. कब तक आ सकती है कोविड-19 की वैक्सीन?
उन्होंने कहा कि आयुर्वेद की जो अंतर्निहित ताकत है उसका वास्तविक इस्तेमाल जो देश और दुनिया के लिए होना चाहिए वो शायद हो नहीं पाता है. देश, दुनिया के सामने आयुर्वेद की श्रेष्ठता को हम मॉडर्न वैज्ञानिक तरीके से सिद्ध करके प्रस्तुत करेंगे. कोविड 19 संकट के दौरान अपनी देखभाल के लिए आयुष मंत्रालय ने रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए बताए उपाय- यहां क्लीक कर पढ़ें
उल्लेखनीय है कि दुनियाभर में जानलेवा कोरोना वायरस की दवा और वैक्सीन बनाने के प्रयास कर रहे है. हालांकि अब तक सफलता नहीं मिल सकी है. लेकिन इजराइल, इटली और अमेरिका समेत कई देश साल के अंत तक कोविड-19 के लिए वैक्सीन लाने का दावा कर रहे है.