पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा ने कांग्रेस ने Rahul Gandhi को लेकर दी बड़ी प्रतिक्रिया, कहा- राहुल का लोगों के दिमाग पर क्या असर हो रहा, पता नहीं
देवेगौड़ा ने यह भी कहा कि देशभर में विपक्षी दल राज्य स्तर की संस्थाओं में सिमटकर रह गए हैं और यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुकाबला करने के लिए उनके फिर से संगठित होने की बात अभी बहुत शुरुआती चरण में है.
बेंगलुरु: जनता दल-एस सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा (HD Deve Gowda) ने रविवार को कहा कि कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) लोगों के मुद्दों को उठा रहे हैं, लेकिन यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि यह लोगों के दिमाग पर कितना असर डाल रहा है. यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा, मैं (राहुल) गांधी या किसी के बारे में हल्के में बात नहीं करना चाहता. वह एक युवा नेता हैं और लोगों के हितों के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है. Congress ने पीएम Narendra Modi पर साधा निशाना, कहा- काशी को भाषण नहीं, सुशासन चाहिए
यह जिक्र करते हुए कि राहुल ने ईंधन की बढ़ती कीमतों के मुद्दे को घर-घर तक पहुंचाने के लिए एक साइकिल रैली निकाली, लेकिन यह अभी भी बहुत स्पष्ट नहीं है कि देश में लोग उनके प्रयासों को कैसे देखते हैं.
देवेगौड़ा ने यह भी कहा कि देशभर में विपक्षी दल राज्य स्तर की संस्थाओं में सिमटकर रह गए हैं और यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुकाबला करने के लिए उनके फिर से संगठित होने की बात अभी बहुत शुरुआती चरण में है.
उन्होंने कहा, राजनीति में कोई किसी को सीमित नहीं कर सकता..मोदी के लिए विपक्ष को सीमित करना संभव नहीं है. हम जो सबसे अच्छा कर सकते हैं, वह यह है कि हम लोगों तक अपने विचारों को प्रभावी ढंग से पहुंचाएं.
पूर्व प्रधानमंत्री ने संसद के मानसून सत्र में गतिरोध पर कहा कि उन्हें सत्तारूढ़ और विपक्षी, दोनों दलों के सदस्यों द्वारा हंगामे के कारण बोलने की अनुमति नहीं दी गई. यह सत्र लगभग धुल गया.
उन्होंने कहा, मैंने एक सांसद के रूप में 30 वर्षों में ऐसा कभी नहीं देखा है. मैं सत्तारूढ़ और विपक्ष, दोनों के सदस्यों के व्यवहार से आहत हूं, क्योंकि कुछ सदस्यों ने सदन के वेल में टेबल पर नृत्य भी किया था. एक सांसद के रूप में 30 साल में इस तरह के अनियंत्रित व्यवहार का कभी गवाह नहीं रहा.
उन्होंने कहा कि ऐसा व्यवहार समाज के लिए अच्छा नहीं है, क्योंकि यह लोकतांत्रिक मूल्यों के पतन को दर्शाता है और देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले महान लोगों का अपमान है.