HC on Right to Privacy: निजता के अधिकार को लेकर गुजरात हाई कोर्ट ने आयकर विभाग को लगाई फटकार, पूछे ये सवाल

गुजरात हाई ने सोमवार, 18 दिसंबर को कहा कि किसी व्यक्ति के खिलाफ किसी भी मामले के बारे में पूछताछ करते समय जांच एजेंसियों को उसकी गोपनीयता की रक्षा करने की आवश्यकता है.

Court | Photo Credits: Twitter

अहमदाबाद: गुजरात हाई ने सोमवार, 18 दिसंबर को कहा कि किसी व्यक्ति के खिलाफ किसी भी मामले के बारे में पूछताछ करते समय जांच एजेंसियों को उसकी गोपनीयता की रक्षा करने की आवश्यकता है. जस्टिस भार्गव कारिया और जस्टिस निरल मेहता की दिबिजन बेंच ने एक वकील पर आयकर (IT) रेड को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की. अदालत ने उस कानूनी आधार पर भी सवाल उठाया जिसके आधार पर अहमदाबाद यूनिट के आयकर अधिकारियों ने याचिकाकर्ता-अधिवक्ता की सहयोगी, एक महिला वकील के घर पर सुबह-सुबह छापा मारा. Women's Reservation Bill: हम कुछ नही कर सकते... दिल्ली हाई कोर्ट ने महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा चुनाव से पहले लागू कराने की मांग पर सुनवाई से किया इनकार.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा, "आप एक महिला वकील के घर सुबह-सुबह कैसे जा सकते हैं और उसके और उसके परिवार के सदस्यों के डिवाइस जब्त कर सकते हैं? क्या यह उनकी निजता का उल्लंघन नहीं है?"

कोर्ट ने पूछा, आपको यह स्पष्ट करना होगा कि आप कैसे और किस कानून के तहत उसके घर पर इस तरह से छापा मार सकते हैं." अदालत के समक्ष याचिका वकील मौलिककुमार शेठ द्वारा दायर की गई थी. अदालत को बताया गया कि इस दौरान अधिकारियों ने शेठ या उनके परिवार के सदस्यों को उनके घर से बाहर नहीं निकलने दिया.

शेठ ने कोर्ट को बताया कि एजेंसी ने सुबह-सुबह मेरे एक सहयोगी के घर पर भी छापा मारा. उन्होंने उनके डिवाइस और यहां तक कि उनके परिवार के सदस्यों के तमाम डिवाइस जब्त कर लिए. शेठ की ओर से पेश एक अन्य वरिष्ठ वकील ने तर्क दिया कि छापेमारी स्वयं अवैध थी और इन छापों के दौरान जब्त की गई सामग्री का उपयोग नहीं किया जा सकता था. इसलिए, उन्होंने पीठ से रेड को अवैध घोषित करने का आग्रह किया.

Share Now

\