Farmers Protest: हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला- कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों का होगा COVID टेस्ट और वैक्सीनेशन

देश में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता चला जा रहा है. अधिकतर राज्यों में कोविड-19 का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है. इस बीच, हरियाणा सरकार ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों का कोविड-19 (COVID-19) टेस्ट करवाने और कोरोना रोधी वैक्सीन लगवाने का निर्णय लिया है.

किसान आंदोलन (Photo Credits: PTI)

चंडीगढ़: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर बढ़ता चला जा रहा है. अधिकतर राज्यों में कोविड-19 (COVID-19) का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है. इस बीच, हरियाणा (Haryana) सरकार ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों का कोविड-19 (COVID-19) टेस्ट करवाने और कोरोना रोधी वैक्सीन लगवाने का निर्णय लिया है. खबर लिखे जाने तक किसान नेताओं की तरफ से राज्य सरकार के इस फैसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई थी. पंजाब के किसानों को एक सप्ताह में डीबीटी के जरिये एमएसपी का 202 करोड़ रुपये भुगतान मिला: केन्द्र

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने मंगलवार को कहा “जो भी व्यक्ति हरियाणा में है उसकी चिंता करना मेरा कर्तव्य है. यहां बहुत बड़ी संख्या में किसान बैठे हुए हैं. हमने कल फैसला किया है कि हम इनका भी वैक्सीनेशन भी करेंगे और उनका कोरोना का टेस्ट भी करेंगे.” इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार से किसानों के प्रदर्शन स्थलों पर भी वैक्सीनेशन केन्द्र स्थापित करने और वायरस से बचाव के लिए उन्हें जरूरी उपकरण मुहैया कराने तथा निर्देश देने का अनुरोध किया.

उधर, केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन करने वाले किसान यूनियनों ने आरोप लगाया कि सरकार कोरोना वायरस के बहाने किसान आंदोलन को कुचलने का प्रयास कर रही है. संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने रविवार को कहा कि सरकार को कोरोना वायरस से लड़ना चाहिए, किसानों से नहीं. उन्होंने दोहराया कि मांगें पूरी होने के बाद ही किसान अपना आंदोलन खत्म करेंगे.

सोमवार को किसान नेता योगेंद्र यादव ने दिल्ली के सिंधु बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, ‘‘सरकार कोरोना वायरस का इस्तेमाल किसानों के विरोध प्रदर्शन को कुचलने के लिए एक बहाने के तौर पर करने का प्रयास कर रही है. उन्होंने पिछले साल भी यही चाल चली थी. हम ऐसा नहीं होने देंगे. कोरोना वायरस पर सरकार का पाखंड उजागर हो गया है. मंत्री और नेता चुनावी रैलियां कर रहे हैं. उन्हें दूसरों पर सवाल उठाने का कोई अधिकार नहीं है.’’

उन्होंने कहा कि ऑक्सीमीटर और एंबुलेंस की व्यवस्था की जा रही है, स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार किया जा रहा है. किसानों को मास्क पहनने के वास्ते प्रोत्साहित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा और इस संबंध में जागरुकता उत्पन्न करने के लिए पर्चे बांटे जाएंगे.

एक किसान नेता ने दावा किया कि दिल्ली की सीमाओं पर स्थित किसानों के विरोध प्रदर्शन स्थलों पर अभी तक बड़ी संख्या में कोरोना वायरस के मामले सामने नहीं आये हैं. क्योकि किसान खुले, अच्छी तरह हवादार स्थान पर विरोध प्रदर्शन कर रहे है. उनका विरोध स्थल भी कोविड-19 हॉटस्पॉट में नहीं शामिल हैं. (एजेंसी इनपुट के साथ)

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