गुजरात के वडोदरा में एक सॉफ्टवेयर फर्म प्रमोटर अपने दो पूर्व कर्मचारियों द्वारा स्थापित हनीट्रैप का शिकार हो गया. इन कर्मचारियों ने कथित तौर पर अपने अपमान का बदला लेने के लिए ये सब किया. टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि यह साजिश तीन महीने तक चली, जिसके दौरान गुप्ता को इन कर्मचारियों द्वारा बनाए गए फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट के माध्यम से खुद की नग्न तस्वीरें भेजने का प्रलोभन दिया गया. ये तस्वीरें बाद में गुप्ता के परिचितों, जिनमें उनकी पत्नी भी शामिल थीं, के बीच सर्कुलेट की गईं. 21-Year Hunt Ends: सूरत में 21 साल पहले हत्या कर भागा था शख्स, अब वासेपुर से गिरफ्तार, वेश बदलकर पहुंची पुलिस.
यह घटना तब सामने आई जब गुप्ता ने साइबर क्राइम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. अधिकारियों ने आरोपी कर्मचारियों का पता लगाया, जिन्होंने दावा किया कि गुप्ता को प्रोफेशनल कारणों से उन्हें डांटने और उनका मजाक उड़ाने की आदत थी.
आरोपी कपल यहीं नहीं रूका. उन्होंने स्पीडपोस्ट के माध्यम से गुप्ता की पत्नी के ऑफिस को तस्वीरों के प्रिंटआउट भी भेजे और नवंबर में एक शॉपिंग मॉल में गुप्ता की यात्रा की तस्वीरें मेल कीं. अपमानजनक और धमकी भरे ईमेल से कोई राहत नहीं मिलने पर, गुप्ता ने साइबर अपराध विभाग से संपर्क किया.
वडोदरा के एसीपी (साइबर क्राइम) हार्दिक मकाडिया ने कहा, “यह कॉर्पोरेट दुश्मनी का मामला था. हमने आवश्यक कानूनी कदम उठाए हैं, दोनों को अपने बयान दर्ज करने के लिए सीआरपीसी 41 (A) के तहत नोटिस जारी किया गया था, लेकिन गुप्ता मामले को आगे बढ़ाने के इच्छुक नहीं हैं. सीआरपीसी 41 (A) के तहत, सात साल से कम कारावास की सजा वाले अपराधों के लिए पुलिस को किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने से पहले नोटिस देना होगा. जांच आगे बढ़ने पर और अपडेट प्रदान किए जाएंगे."