अहमदाबाद: हमारे आस पास ना जाने कितनी ऐसी घटनाएँ होती है जो हमें सतब्ध कर देती है. लेकिन इन्हीं में कुछ ऐसी भी होती है जो हँसाने के लिए मजबूर कर देती है. कुछ ऐसा ही वाकिया गुजरात के अहमदाबाद में भी हुआ है. केसा पाटनी नाम के शख्स की 80 हजार रुपये की बकरी चोरी हो गई है. जिसके बाद केसा के पुलिस के पास पहुंचा और बताया कि कुछ लोगों ने उसकी बकरी को चुरा लिया है. लेकिन उसके बाद पुलिस के साथ जो कुछ हुआ वह ठहाके लगाकर हँसने लायक है.
जानकारी के मुताबिक बकरी की चोरी के बाद केसा पटनी ने वहां के स्थानीय विधायक प्रदीप परमार से मदद मांगी. जिसके बाद प्रदीप की मदद से मेघनीनगर पुलिस थाने में पटनी की शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद पुलिस ने अपनी जांच शुरू की. इसके तहत बकरी के चोर को पकड़ने के लिए बड़ा अभियान छेड़ा गया.
वहीं राजनितिक दबाव के कारण गुजरात पुलिस अपने दमखम के साथ बकरी ढूंढने में लग गई. पुलिस के बकरी खोजो अभियान में मदद के लिए रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) भी शामिल हो गई. कड़ी खोज के बाद बकरी को सूरत रेलवे स्टेशन पर खड़ी मुंबई जा रही ट्रेन से बरामद किया गया.
बाद में पुलिस बरामद बकरी को वापस अपने साथ अहमदाबाद लेकर आई. लेकिन तब पुलिस को तगड़ा झटका लगा जब यह पता चला कि वों जो बकरी को केसा पाटनी की बकरी समझकर लाए है वह हकीकत में उसकी चोरी हुई बकरी है ही नहीं. इसके बाद बकरी का असली मालिक पुलिस के पास पहुंचा और प्रूफ देकर बरामद बकरी को अपने साथ ले गया.
दूसरी ओर पुलिस की किरकिरी होने के बाद विधायक को भी सामने आना पड़ा. विधायक ने कहा उसने केवल मानवीय आधार पर पाटनी परिवार की मदद की थी. क्योंकि इस बकरी की मालकिन इसे अपने बेटे की शादी के समय बेचकर कुछ पैसे जुटाना चाहती थी, जिससे वैवाहिक कार्यक्रम में पैसे की कमी ना हो.
ज्ञात हो कि कुछ समय पहले भी उत्तर प्रदेश में ऐसा ही मामला सामने आने के बाद यूपी पुलिस की जमकर किरकिरी हुई थी. उत्तर प्रदेश में तत्कालीन समाजवादी सरकार के कैबिनेट मंत्री आजम खान की भैंस चोरी हो गई थी, जिसे ढूंढने के लिए पुलिस ने कई टीमों का गठन कर बड़ा अभियान चलाया था.