GST 2.0: मिडिल क्लास को राहत, किसानों को भी सौगात; जानें किसे मिला क्या फायदा
भारत सरकार ने हाल ही में GST 2.0 (GST 2.0) की घोषणा की है, जिसे केवल टैक्स सुधार नहीं बल्कि एक बड़ा राजनीतिक और सामाजिक संदेश माना जा रहा है. यह बदलाव सीधे तौर पर मिडिल क्लास, किसानों और आम जनता की जेब से जुड़ा हुआ है.
नई दिल्ली: भारत सरकार ने हाल ही में GST 2.0 (GST 2.0) की घोषणा की है, जिसे केवल टैक्स सुधार नहीं बल्कि एक बड़ा राजनीतिक और सामाजिक संदेश माना जा रहा है. यह बदलाव सीधे तौर पर मिडिल क्लास, किसानों और आम जनता की जेब से जुड़ा हुआ है. दीवाली और त्योहारों का सीजन करीब है और ऐसे समय में GST 2.0 का आना मिडिल क्लास और छोटे उद्यमियों के लिए बड़ी सौगात है. इससे घर-घर को राहत मिलेगी. बाजार में रौनक बढ़ेगी. आइए जानते हैं कि इस नए ढांचे से किसे क्या फायदा होगा.
GST 2.0: अब सस्ता होगा TV, सीमेंट और बाइक, दूध-पनीर पर टैक्स खत्म.
GST 2.0 सिर्फ टैक्स सुधार नहीं, बल्कि मिडिल क्लास, किसानों और आम जनता की खुशहाली का रोडमैप है. जहां रोजमर्रा की चीजें सस्ती होंगी, वहीं बुरी आदतें महंगी हो जाएंगी.
मिडिल क्लास को राहत
भारत की करीब 31% आबादी मिडिल क्लास है, जो देश की अर्थव्यवस्था और चुनावी राजनीति में सबसे अहम भूमिका निभाती है. छोटी कार, LED टीवी, एसी, सिनेमा टिकट, चॉकलेट, स्टेशनरी और खिलौनों पर अब सिर्फ 18% GST लगेगा. साबुन, शैंपू, टूथपेस्ट, हेयर ऑयल, टैल्कम पाउडर, शेविंग किट, मोमबत्ती जैसी रोज़मर्रा की चीज़ों पर टैक्स घटकर 5% रह गया है.
सबसे बड़ी राहत स्वास्थ्य क्षेत्र में मिली है. जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर अब कोई GST नहीं है. 33 जीवन रक्षक दवाइयां, कैंसर और रेयर बीमारियों की दवाएं टैक्स-फ्री कर दी गई हैं. थर्मामीटर और डायग्नोस्टिक किट पर टैक्स घटकर 5 फीसदी हो गया है.
किसान और डेयरी सेक्टर
भारत की कृषि अर्थव्यवस्था करोड़ों किसानों पर टिकी है. 70-80 मिलियन किसान केवल डेयरी सेक्टर से जुड़े हुए हैं. किसानों के लिए जरूरी सामान जैसे खेती उपकरण, घी, मक्खन, पनीर, जाम, सूप, नमकीन और ड्राई फ्रूट्स पर टैक्स घटाकर 5% कर दिया गया है. सरकार ने अमेरिका के साथ व्यापारिक समझौतों में खेती और डेयरी सेक्टर को विदेशी प्रतिस्पर्धा से सुरक्षित रखा है.
हेल्दी इंडिया का सपना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देते रहे हैं. GST 2.0 इसी सोच को आगे बढ़ाता है. तंबाकू, गुटखा, पान मसाला, जर्दा और शक्करयुक्त पेय पदार्थों पर अब 40% “सिन टैक्स” लगाया गया है. यानी सरकार का सीधा संदेश है. स्वास्थ्य के लिए हानिकारक चीजों को महंगा बनाओ, अच्छी आदतों को बढ़ावा दो.
स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा
नए GST ढांचे का मकसद सिर्फ टैक्स सुधार नहीं, बल्कि घरेलू उद्योगों की रक्षा भी है. देश में बने कॉस्मेटिक्स, हैंडलूम और कपड़ों को टैक्स में राहत दी गई है. इससे छोटे कारोबारियों, कारीगरों और लोकल आर्टिज़न्स को बड़ा फायदा होगा.