नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने एयर इंडिया (Air India) के लिये बोली जमा करने की समय सीमा 30 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है. इस बीच केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने कहा कि एयर इंडिया हमारे लिए एक संपत्ति है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि हवाईअड्डों (Airport) और एयरलाइंस (Airlines) को चलाना सरकार की जिम्मेदारी नहीं है. पुरी ने उम्मीद जताई कि एयर इंडिया के निजीकरण की प्रक्रिया 2020 के भीतर पूरी हो जाएगी.
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक को संबोधित करते हुए कहा "एयर इंडिया एक परिसंपत्ति रही है और इसका बहुत अच्छा रिकॉर्ड है, बहुत ही प्रशिक्षित पेशेवर लोग जुड़े हैं. लेकिन सरकार को हवाई अड्डों और एयरलाइनों को नहीं चलाना चाहिए, हमारे सरकारी नियमों को व्यावसायिक संस्थाओं पर लागू किया जाना चाहिए." Air India Issues Dress Code For Employees: एयर इंडिया ने कर्मचारियों के लिए जारी किया ड्रेस कोड, रिप्ड जींस, टी-शर्ट, शॉर्ट्स और फ्लिप फ्लॉप पर लगाया बैन
Air India has been an asset and has a very good record. But, Government should not be running airports and airlines... I'm hopeful that we will complete its privatization process this year: Union Civil Aviation Minister Hardeep Singh Puri pic.twitter.com/92CYOHK4JJ
— ANI (@ANI) August 30, 2020
उन्होंने आगे कहा कि मुझे उम्मीद है कि हम इस साल में एयर इंडिया के निजीकरण की प्रक्रिया को पूरा करेंगे. जबकि हवाईअड्डों के निजीकरण के कदम का करते हुए केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा कि कांग्रेस के शासन के दौरान दिल्ली, मुंबई हवाईअड्डों का निजीकरण किया गया था.
इससे पहले कोविड-19 संकट के कारण दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियों पर पड़े असर को देखते हुए सरकार ने बोली की समयसीमा दो महीने बढ़ा दी. सरकारी एयरलाइन में हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया 27 जनवरी को शुरू हुई थी. यह चौथी बार है जब सरकार ने बोली जमा करने की तिथि बढ़ायी है. सरकारी एयरलाइन में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का प्रयास साल 2018 में असफल रहा था.