Delhi High Court: अस्पतालों में बिस्तरों और ऑक्सीजन की उपलब्धता से संबंधित प्रतिवेदन पर निर्णय ले दिल्ली सरकार
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को ''जितना जल्दी संभव और व्यवहारिक'' हो सके उस प्रतिवेदन पर फैसला लेने के लिये कहा है.
नयी दिल्ली, 26 अप्रैल : दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को ''जितना जल्दी संभव और व्यवहारिक'' हो सके उस प्रतिवेदन पर फैसला लेने के लिये कहा है, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी के सभी अस्पतालों को उनके पास उपलब्ध बिस्तर, ऑक्सीजन सिलिंडर (Oxygen Cylinder), और वेंटिलेटर की संख्या समय-समय पर प्रमुखता से डिजिटल बोर्ड पर प्रदर्शित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने दिल्ली सरकार को एक नर्सिंग अधिकारी के प्रतिवदेन पर कानून, नियमों, नियामकों और इस मामले के तथ्यों पर लागू होने वाली सरकारी नीति के अनुसार कोई फैसला लेने का निर्देश दिया और जून 2020 में सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों को ध्यान में रखने की हिदायत भी दी. यह भी पढ़ें : उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार का बड़ा खुलासा, 600 से अधिक पुलिस और 10 अधिकारी कोरोना संक्रमित
अदालत ने कहा, ''जितना जल्दी संभव और व्यवहारिक हो, फैसला लिया जाए.'' पीठ ने नर्सिंग अधिकारी सिनू जॉन की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया, जिसमें आरोप लगाया गया है कि अस्पतालों द्वारा गंभीर रूप से बीमार रोगियों और तत्काल चिकित्सा के जरूरतमंदों को बिस्तर देने से मना करने के मामले सामने आए हैं.