Goa Elections 2022: प्रियंका गांधी ने गोवा में महिलाओं को कम टिकट दिए जाने को लेकर कांग्रेस नेताओं पर किया प्रहार

प्रियंका पार्टी की उत्तर प्रदेश प्रभारी महासचिव हैं. उन्होंने कहा, "पहली और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि महिलाओं की आबादी 50 फीसदी है तो 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व का हमारा अधिकार बनता है. ऐसा नहीं है कि कोई हम पर एहसान कर रहा है. यह हमारा अधिकार है और हम अपने हक के लिए लड़ना चाहती हैं.

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी (Photo Credit : ANI)

पणजी: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने सोमवार को गोवा (Goa) में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में बड़ी संख्या में महिलाओं को टिकट देने के पार्टी के फैसले के महत्व को उजागर करने की कोशिश करते हुए गोवा में अपनी ही पार्टी के पुरुष नेताओं पर तीखा प्रहार किया. उन्होंने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में महिलाओं को अधिक टिकट दिए जाने का हवाला दिया. दक्षिण गोवा जिले में एक चुनावी रैली (Election Rally) को संबोधित करते हुए प्रियंका ने यह भी कहा कि चुनावी राजनीति में अधिक महिलाओं के शामिल होने से राजनीति में नफरत का स्वर कम होगा, साथ ही भारत में जिस तरह से राजनीति की जाती है, उस पर करुणा का भाव भी आएगा. Goa Elections 2022: गोवा के लिए कांग्रेस का चुनावी घोषणापत्र, 80 रुपये प्रति लीटर होगी पेट्रोल, डीजल की कीमतें

उन्होंने इससे पहले, अपने भाषण के दौरान उत्तर प्रदेश की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी के महत्व पर दर्शकों को प्रभावित करने की कोशिश की और रैली में भाग लेने वालों में से एक को उत्तर प्रदेश में आने का न्योता दिया.

प्रियंका ने मंच पर मौजूद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की ओर इशारा करते हुए कहा, "आप सिर हिला रहे हैं. उत्तर प्रदेश जाइए और वहां से वापस आने के बाद यहां के लोगों को समझाने के लिए कड़ी मेहनत कीजिए."

मंच पर पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी चिदंबरम, गोवा चुनाव समिति के प्रभारी दिनेश गुंडू राव, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश चोडनकर, नेता प्रतिपक्ष दिगंबर कामत सहित अन्य नेता मौजूद थे.

प्रियंका पार्टी की उत्तर प्रदेश प्रभारी महासचिव हैं. उन्होंने कहा, "पहली और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि महिलाओं की आबादी 50 फीसदी है तो 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व का हमारा अधिकार बनता है. ऐसा नहीं है कि कोई हम पर एहसान कर रहा है. यह हमारा अधिकार है और हम अपने हक के लिए लड़ना चाहती हैं. लेकिन उससे भी ज्यादा चिंता की बात है कि आज की राजनीति नफरत से भरी हुई है, गुस्से से भरी हुई है. आप भाषण सुनते हैं.. 90 फीसदी भाषण नकारात्मक होता है."

उन्होंने कहा, "मैं दृढ़ता से मानती हूं कि हम महिलाएं व्यावहारिक लोग हैं और हम बहुत कुछ संभाल रही हैं, वास्तव में हम राजनीति में भी सकारात्मकता और करुणा ला सकते हैं. मेरा मानना है कि महिलाओं को भी अपने पैर पर खड़े होने में मदद की जानी चाहिए."

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