सवर्ण आरक्षण: इन जातियों को मिलेगा नौकरी और शिक्षा में 10% रिजर्वेशन, देखें पूरी लिस्ट
लोकसभा चुनावों से कुछ महीने पहले मोदी सरकार के सवर्ण आरक्षण के ऐलान का नतीजों पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है. बीजेपी से नाराज चल रहे सवर्णों को लोकसभा चुनाव से पहले मनाने के लिए मोदी सरकार ने उनके हक में इतना बड़ा फैसला ले लिया है, जिसकी उम्मीद किसी को भी नहीं थी.
नई दिल्ली: लोकसभा (Lok Sabha) चुनावों से कुछ महीने पहले मोदी सरकार के सवर्ण आरक्षण (Reservation) के ऐलान का नतीजों पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है. बीजेपी से नाराज चल रहे सवर्णों को लोकसभा चुनाव से पहले मनाने के लिए मोदी सरकार ने उनके हक में इतना बड़ा फैसला ले लिया है, जिसकी उम्मीद किसी को भी नहीं थी. केंद्रीय कैबिनेट ने सवर्ण जातियों को 10 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान किया है. जिससे संबधित संविधान संशोधन विधेयक मंगलवार को संसद में पेश किया जाएगा.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सवर्णों को आरक्षण सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आर्थिक आधार पर दिया जाएगा. आरक्षण का लाभ सिर्फ वहीं लें पाएंगे जिनकी सालाना आमदनी 8 लाख रुपए से कम है और जिनके पास पांच एकड़ तक जमीन है.
इन्हें मिलेगा फायदा-
उत्तर भारत: ब्राह्मण, बनिया, राजपूत, कायस्थ, खत्री, वैष्णव
पूर्वोत्तर भारत: अहोम, कायस्थ, कायस्थ करण, खंडियात
पश्चिम भारत: पाटीदार / पटेल, मराठा, चंद्रसेनिया कायस्थ
दक्षिण भारत: कम्मा, रेड्डी, कापू, गोमती बनिया, वेलम्मा, वोक्कालिगा, लिंगायत, नायरा, वेल्लालर, मुकुलुलाथोर, सेनगुंटार, पार्कावकुलम, नगाराम बनिया
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सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार किसी भी स्थिति में कुल आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए. ज्ञात हो कि देश में साल 1931 के बाद से कभी जातिगत जनगणना नहीं हुई. हालांकि 2007 में सांख्यिकी मंत्रालय के एक सर्वे में कहा गया था कि हिंदू आबादी में पिछड़ा वर्ग की संख्या 41% और सवर्णों की संख्या 31% है.