पटना, 11 सितंबर : पटना हाई कोर्ट ने बुधवार को गांधी मैदान बम ब्लास्ट मामले में चार दोषियों की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया है. चारों दोषियों को अब फांसी नहीं होगी. दरअसल, 27 अक्टूबर 2013 को पटना में तत्कालीन पीएम पद उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की एक रैली में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे. इस मामले में चार आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी. हालांकि, बुधवार को पटना हाई कोर्ट ने चारों आरोपियों की सजा को उम्रकैद में बदल दिया. आरोपियों के वकील इमरान गनी ने बताया कि गांधी मैदान बम ब्लास्ट मामले में छह याचिकाओं पर सुनवाई पहले ही हो चुकी थी. आज पटना हाई कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया है. छह में से चार लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई थी, जबकि दो को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.
उन्होंने फैसले की जानकारी देते हुए कहा, “जस्टिस आशुतोष कुमार की पीठ ने गांधी मैदान बम ब्लास्ट मामले में फैसला सुनाया. जिन चार लोगों को पहले फांसी की सजा सुनाई गई थी, उसे उम्रकैद की सजा में बदल दिया गया है. उन्हें 30 साल की सजा सुनाई गई है. जबकि दो दोषियों को दी गई उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा गया है.” ज्ञात हो कि, 27 अक्टूबर 2013 को लोकसभा चुनाव 2014 के प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी की पटना में हुई रैली के दौरान छह ब्लास्ट हुए थे. इन बम धमाकों में छह लोगों की मौत हुई थी और कई लोग घायल हुए थे. बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने इस मामले में एनआईए जांच की मांग की थी. यह भी पढ़ें : देश की खबरें | मप्र के सहकारी दुग्ध संघों का संचालन एनडीडीबी को सौंपा जाएगा, विरोध में उतरी कांग्रेस
गांधी मैदान बम ब्लास्ट केस में एनआईए ने हैदर अली, मोजीबुल्लाह, नोमान, इम्तियाज, उमर और अजहरुद्दीन को गिरफ्तार किया था. साल 2014 में एनआईए ने इस केस में चार्जशीट दाखिल की थी. हैदर अली, मोजीबुल्लाह, नोमान और इम्तियाज को सिविल कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, जबकि उमर और अजहरुद्दीन को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.