UP: पूर्व मंत्री अमरमणि और उनकी पत्नी 20 साल बाद जेल से होंगे रिहा, मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में मिली थी सजा
करीब 20 साल पहले कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या कर दी गई थी. मामले में अमरमणि और उनकी पत्नी मधुमणि को दोषी करार दिया गया. दोनों बीते 20 साल एक महीना और 19 दिन से जेल में है. जेल में अच्छे आचरण की वजह से उनकी सजा माफ कर दी गई है.
Madhumita murder Case: कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में पत्नी मधुमणि समेत आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री अमरमणि त्रिपाठी (Amarmani Tripathi) को अच्छे आचरण की वजह से उनकी शेष सजा समाप्त कर दी गई है, राज्यपाल की अनुमति से दोनों को 20 साल बाद रिहा किया जाएगा.
जेल में क्यों बंद थे अमरमणि त्रिपाठी
करीब 20 साल पहले कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या कर दी गई थी. मामले की जांच सीबीआई ने की थी. सीबीआई ने अमरमणि और उनकी पत्नी मधुमणि को दोषी करार देते हुए अदालत में अपना आरोप पत्र दाखिल किया था. दोनों बीते 20 साल एक महीना और 19 दिन से जेल में है. जेल में अच्छे आचरण के तहत बाकी की बची हुई सजा को माफ कर दिया गया है. Delhi Minor Girl Kidnapped-Raped Several Time: दिल्ली से 13 साल की लड़की का अपहरण; पंजाब, चंडीगढ़, यूपी में कई बार हुआ बलात्कार; छुड़ाया गया
9 मई 2003 लखनऊ के निशातगंज स्थित पेपर मिल कॉलोनी में मशहूर कवयित्री मधुमिता शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस अधिकारियो को मधुमिता और अमरमणि के प्रेम प्रसंग के बारे में नौकर देशराज ने जानकारी दी थी. जब मधुमिता शुक्ला की हत्या हुई उस वक्त वह गर्भवती थी. डीएनए जांच में सामने आया कि मधुमिता के पेट में पल रहा बच्चा अमरमणि का था.
इस हत्याकांड के बाद देहरादून की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 24 अक्टूबर 2007 को अमरमणि, उनकी पत्नी मधुमणि, भतीजा रोहित चतुर्वेदी और शूटर संतोष राय को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुना दी.
अमरमणि त्रिपाठी महराजगंज की लक्ष्मीपुर विधानसभा से कई बार विधायक रह चुके हैं. कल्याण सिंह की सरकार में पहली बार अमरमणि त्रिपाठी मंत्री बने. उसी सरकार में एक अपहरणकांड में अमरमणि का नाम सामने आने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया.