Farmers Protest: ब्रिटेन की संसद में हुई किसान आंदोलन पर चर्चा, भारत हुआ खफा, ब्रिटिश उच्चायुक्त को किया तलब
किसान आंदोलन को लेकर ब्रिटेन की संसद में हुई चर्चा पर भारत ने नाराजगी जताई है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर विदेश सचिव ने ब्रिटिश उच्चायुक्त को तलब किया. इस दौरान ब्रिटिश संसद में भारत में लागू किए गए कृषि सुधारों पर अनुचित और विवादास्पद चर्चा के लिए मजबूत विरोध व्यक्त किया.
नई दिल्ली: किसान आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर ब्रिटेन (Britain) की संसद में हुई चर्चा पर भारत ने नाराजगी जताई है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर विदेश सचिव ने ब्रिटिश उच्चायुक्त को तलब किया. इस दौरान ब्रिटिश संसद में भारत में लागू किए गए कृषि सुधारों पर अनुचित और विवादास्पद चर्चा के लिए मजबूत विरोध व्यक्त किया. कृषि कानूनों का मकसद मंडियों की दक्षता में सुधार, भंडारण सुविधओं का विकास: केंद्रीय मंत्री
विदेश सचिव ने स्पष्ट किया कि ब्रिटिश सांसदों द्वारा भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शन के मुद्दे पर चर्चा करना दूसरे लोकतांत्रिक देश की राजनीति में एक व्यापक हस्तक्षेप की तरह है. उन्होंने सलाह दी कि ब्रिटिश सांसदों को घटनाओं को गलत तरीके से प्रस्तुत करके वोट बैंक की राजनीति करने से बचना चाहिए, विशेष रूप से एक अन्य साथी लोकतंत्र देश के साथ."
ब्रिटिश सरकार ने बीते शुक्रवार को कहा कि भारत में जो कुछ हो रहा है, उसका ब्रिटेन में असर देखा जा रहा है और भारतीय समुदाय के लोगों की बड़ी संख्या होने के कारण इसकी चर्चा भी हो रही है लेकिन किसानों का आंदोलन भारत का आंतरिक मुद्दा है और उसे ही सुलझाना है.
हालांकि इसके बावजूद ब्रिटेन के संसद में भारत में प्रेस की स्वतंत्रता और प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा के मुद्दे पर एक ई-याचिका को लेकर चर्चा हुई. बताया जा रहा है कि इस ई-याचिका पर एक लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर है. हाउस आफ कामन्स में याचिका समिति ने इसकी पुष्टि की थी.
गौरतलब है कि 100 से अधिक दिनों से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के काफी किसान तीन विवादित कृषि कानूनों को रद्द किये जाने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने की भी मांग कर रहे हैं. वहीं, सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है कि वह एमएसपी और मंडी व्यवस्था को समाप्त करना चाहती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कई बार किसानों को आश्वस्त किया है कि एमएसपी व्यवस्था जारी रहेगी. हालांकि अभी कृषि कानूनों को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन के खत्म होने के आसार कम ही है.