UK और आयरलैंड दौरे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर, भारत-यूरोप के संबंध होंगे मजबूत

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर 3 से 9 मार्च 2025 तक यूनाइटेड किंगडम और आयरलैंड की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे. यह दौरा नई दिल्ली में भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर वार्ता की पुनः शुरुआत के कुछ दिनों बाद हो रहा है. इस यात्रा के दौरान, जयशंकर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे, जिनमें नया वाणिज्य दूतावास खोलना, आर्थिक सहयोग बढ़ाना और संयुक्त आर्थिक आयोग की स्थापना शामिल हैं.

बेलफास्ट में नया भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन

जयशंकर उत्तरी आयरलैंड के बेलफास्ट में भारत के नए वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करेंगे. वर्तमान में, भारत का यूनाइटेड किंगडम में लंदन स्थित उच्चायोग के अलावा बर्मिंघम और एडिनबर्ग में वाणिज्य दूतावास हैं. बेलफास्ट में नया दूतावास खोलने का उद्देश्य ब्रिटेन में भारत की कूटनीतिक पहुंच को विस्तारित करना और क्षेत्र के साथ संबंधों को मजबूत करना है.

भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की पुनः शुरुआत

जयशंकर की यात्रा से पहले, ब्रिटिश व्यापार मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स भारतीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ चर्चा के लिए नई दिल्ली की यात्रा करेंगे, जिसमें भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर वार्ता की पुनः शुरुआत पर जोर दिया जाएगा. यह वार्ता मार्च 2024 में दोनों देशों में चुनावों के कारण स्थगित हो गई थी. वित्तीय वर्ष 2023-2024 में भारत और यूके के बीच व्यापार 21.33 अरब डॉलर तक पहुंच गया था.

आयरलैंड के साथ संयुक्त आर्थिक आयोग की स्थापना

जयशंकर की यह आयरलैंड की पहली आधिकारिक यात्रा होगी, जहां वे आयरिश उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री साइमन हैरिस के साथ बैठक करेंगे. इस दौरान, भारत और आयरलैंड के बीच संयुक्त आर्थिक आयोग की स्थापना की संभावना है, जो दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा. आयरलैंड में लगभग 12,000 भारतीय छात्र अध्ययनरत हैं, जिससे यह यूरोपीय संघ में भारतीय छात्रों के लिए एक प्रमुख शिक्षा केंद्र बन गया है.

व्यापार वार्ता में प्रमुख मुद्दे

भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते की वार्ता में कुछ प्रमुख मुद्दे शामिल हैं, जैसे भारतीय छात्रों और पेशेवरों के लिए आवागमन के अधिकार, मादक पेय पदार्थों और इलेक्ट्रिक वाहनों पर भारतीय टैरिफ, और दूरसंचार एवं वित्तीय सेवाओं में अधिक बाजार पहुंच की भारत की मांग. जयशंकर की बैठकों के दौरान इन मुद्दों को संबोधित करना मुख्य फोकस होगा.

जयशंकर की यह यात्रा यूरोप में महत्वपूर्ण राजनीतिक परिवर्तनों के बीच हो रही है, जो अमेरिकी नीतियों से प्रभावित हैं, विशेष रूप से यूक्रेन में चल रहे युद्ध के संदर्भ में. इस संदर्भ में, भारत और यूके के बीच सहयोग को गहरा करना दोनों देशों के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है.