रंग ला रही है किसानों के लिए PM मोदी की मेहनत, फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र ने पकड़ी रफ्तार
किसानों की फसलों को उचित दाम दिलाने के लिए फसलों का प्रसंस्करण यानी प्रोसेसिंग एक बड़े कारोबारी संभावना के तौर पर उभरी है. प्रोसेसिंग के जरिए न केवल खेती बाड़ी को इंडस्ट्री के साथ जोड़ा जा सकता है, बल्कि इसके निर्यात को खोलने पर आमदनी और रोजगार में भी बढ़ोतरी होती है.
किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए सरकार कई मोर्चों पर काम कर रही है. किसानों के खाते में सीधे पैसे पहुंचाने के साथ-साथ उनके फसलों को उचित बाजार मुहैया कराना भी सरकार की बड़ी प्राथमिकता है. किसानों की फसलों को उचित दाम दिलाने के लिए फसलों का प्रसंस्करण यानी प्रोसेसिंग एक बड़े कारोबारी संभावना के तौर पर उभरी है. प्रोसेसिंग के जरिए न केवल खेती बाड़ी को इंडस्ट्री के साथ जोड़ा जा सकता है, बल्कि इसके निर्यात को खोलने पर आमदनी और रोजगार में भी बढ़ोतरी होती है.
किसानों को प्रोसेसिंग में मदद करने और लागत कम करने के लिए स्टार्टअप कंपनियों में भी संभावनाओं के द्वार खुल गए हैं. किसानों की आमदनी में बढ़त के साथ-साथ लोगों को स्वस्थ्य जीवन जीने के लिए भी स्टार्टअप इकोसिस्टम काफी मदद कर सकता है.
इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने के लिए एग्री इंफ्रा फ्रंट
हाल ही में पीएम मोदी ने भी फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को लेकर कहा था, “आज लोगों में खानपान को लेकर जो जागरूकता बढ़ी है, जो हेल्दी बदलाव हो रहा है. उसमें स्टार्टअप के लिए नए अवसर बन रहे हैं. एक तरह से आज अगर कोई एवरग्रीन सेक्टर है तो वो फूड एवं एग्रीकल्चर सेक्टर है. भारत में इन सेक्टर के ग्रोथ पर विशेष जोर दिया जा रहा है. एग्रीकल्चर से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने के लिए देश में एक लाख करोड़ का एग्री इंफ्रा फ्रंट भी बनाया है. इससे हमारे स्टार्टअप के लिए नए रास्ते खुलेंगे. आज स्टार्टअप किसानों के साथ कोलोब्रेशन कर रहे हैं. फार्म से टेबल तक खाद्य उत्पाद आसानी से बेहतर क्वालिटी के साथ पहुंचे इसमें भी स्टार्टअप अपनी भूमिका निभा रहे हैं.”