सावन का पहला सोमवार आज, देशभर के शिवालयों में भक्तों का तांता- गूंजा हर-हर महादेव का जयकारा

सोमवार तड़के सुबह तीन बजे भगवान महाकालेश्वर का दूध-दही से अभिषेक और भष्म आरती की गई. दिल्ली, कानपूर, उज्जैन, काशी, समेत महादेव के सभी भगवान शिव के प्राचीन मंदिरों में दर्शन करने से भक्तों की भीड़ उमड़ी है. झारखंड स्थित प्रसिद्ध तीर्थस्थल बैद्यनाथ धाम भगवान शंकर के द्वादश ज्योर्तिलिंगों में नौवां ज्योतिर्लिग है.

महादेव के दर्शन करने लिए उमड़ी भीड़ ( फोटो क्रेडिट- ANI )

Sawan Maas 2019: 17 जुलाई 2019 से सावन महीने (Sawan Maas) की शुरुआत हो चुकी है. आज सावन का पहला सोमवार है. इस मौके लाखों की संख्या में भक्तगण अपने आराध्य देव महादेव के दर्शन कर करने. मंदिरों में हर-हर महादेव', 'बम-बम भोले' इन्ही जयकारों से शिवालय गूंज उठे हैं. सावन का पहले सोमवार होने के चलते मंदिर के शिवलिंग पर जलाभिषेक रात 12 बजे से ही शुरू हो गया है. पुलिस व प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अलर्ट मोड में है.

सोमवार तड़के सुबह तीन बजे भगवान महाकालेश्वर का दूध-दही से अभिषेक और भष्म आरती की गई. दिल्ली, कानपूर, उज्जैन, काशी, समेत महादेव के सभी भगवान शिव के प्राचीन मंदिरों में दर्शन करने से भक्तों की भीड़ उमड़ी है. झारखंड स्थित प्रसिद्ध तीर्थस्थल बैद्यनाथ धाम भगवान शंकर के द्वादश ज्योर्तिलिंगों में नौवां ज्योतिर्लिग है.

यह ज्योतिर्लिग सभी ज्योतिर्लिगों में सर्वाधिक महिमामंडित माना जाता है. ऐसे तो यहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते हैं, परंतु भगवान शिव के सबसे प्रिय महीने सावन में यहां उनके भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ता है.

सावन महीने में प्रतिदिन यहां करीब एक लाख भक्त आकर ज्योतिर्लिग पर जलाभिषेक करते हैं. इनकी संख्या सोमवार के दिन और बढ़ जाती है. सावन माह भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए सर्वाधिक उपयुक्त माना जाता है. इस माह भगवान शिव के साथ-साथ माता पार्वती की भी विशेष पूजा-अर्चना का विधान है.

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मान्यता है कि जो भी भक्त सावन माह में माता पार्वती और भगवान शिव की विधि विधान से पूजा एवं व्रत करता है, उन्हें भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है. सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई को होगा, तो अंतिम सोमवार 12 अगस्त के दिन पड़ रहा है.

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