Firecrackers Ban in India: देश के इन राज्यों में पटाखा फोड़ने वालों की खैर नहीं! देखिए आपके प्रदेश के क्या हैं नियम

कुछ राज्यों में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है तो कहीं सिर्फ ग्रीन पटाखों को जलाने के लिए ही परमिशन दी गई है. यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि भारत में पटाखे जलाने को लेकर अलग अलग राज्यों में क्या नियम हैं.

Firecracker on Diwali 2022: प्रदूषण को रोकने के लिए राज्यों ने पूरी तैयारी कर ली है. इस दिवाली पटाखों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए कुछ राज्यों में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है तो कहीं सिर्फ ग्रीन पटाखों को जलाने के लिए ही परमिशन दी गई है. यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि भारत में पटाखे जलाने को लेकर अलग अलग राज्यों में क्या नियम हैं. Deepawali Gifts 2022: दीपावली पर अपनों को क्या दें उपहार, कि वे कह उठें वाह शानदार! कुछ आयडिया यहां से भी ले सकते हैं!

दिल्ली

दिल्ली सरकार ने 1 जनवरी, 2023 तक राष्ट्रीय राजधानी में सभी प्रकार के पटाखों के भंडारण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश पारित किया है. उल्लंघन करने वालों को 6 महीने तक की जेल की सजा हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि राज्य सरकार के सख्त आदेश के खिलाफ एक याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया, क्योंकि याचिकाकर्ता ने कहा कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति द्वारा पूर्ण प्रतिबंध सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों का उल्लंघन है. इस तरह के व्यापक प्रतिबंध का आह्वान कभी नहीं किया.

हरियाणा और ओडिसा

दिल्ली के अलावा हरियाणा और ओडिसा सरकार ने भी पटाखों पर रोक लगा रखी है. चंडीगढ़ यूटी प्रशासन लगातार दूसरे साल पटाखों पर रोक लगा रहा है. हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HSPCB) ने ग्रीन पटाखों को छोड़कर सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री और उपयोग पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया है. यह फैसला नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) और हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) के आदेश के बाद आया है.

तमिलनाडु 

तमिलनाडु सरकार ने पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाया है और दिवाली पर निश्चित समय पर पटाखे फोड़ने की मंजूरी दी है. पटाखों को फोड़ने का समय दिन में केवल दो बार 1 घंटे तक सीमित कर दिया गया है. आदेश के अनुसार लोग सुबह छह बजे से सात बजे के बीच और शाम सात बजे से आठ बजे के बीच पटाखे जला सकते हैं. इसके साथ ही अनुरोध किया गया है कि अस्पतालों, स्कूलों, अदालतों आदि जैसी शांत जगहों पर पटाखे न फोड़ें जाए.

पश्चिम बंगाल

कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद कि त्योहार के दौरान क्यूआर कोड वाले हरे पटाखों के अलावा कोई भी आतिशबाजी पश्चिम बंगाल में आयात और बेची नहीं जाएगी, राज्य सरकार ने 24 अक्टूबर को काली पूजा के दौरान केवल ग्रीन पटाखों को जलाने की अनुमति दी है.

पंजाब

पंजाब सरकार ने 24 अक्टूबर को दिवाली पर पटाखे फोड़ने के लिए रात 8 बजे से रात 10 बजे तक दो घंटे का समय दिया है. दिवाली के अलावा, गुरु नानक देव के 'प्रकाश पर्व' 8 नवंबर को सुबह 4 बजे से सुबह 5 बजे तक एक घंटे और रात 9 से 10 बजे तक एक घंटे के लिए पटाखे फोड़ने की अनुमति होगी.

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 4 नवंबर 2020 को कर्नाटक और तमिलनाडु के साथ 18 राज्यों को पटाखों पर रोक लगाने के लिए नोटिस जारी किया है.

ग्रीन पटाखों से कितना प्रदूषण ? 

ग्रीन पटाखों में एल्युमिनियम, बैरियम, पौटेशियम नाइट्रेट और कार्बन का प्रयोग नहीं किया जाता है. इनमें खतरनाक रसायनों की मात्रा काफी कम होती है, जिससे प्रदूषण कम होता है. साइज में ये थोड़े छोटे होते हैं और आवाज भी कम करते हैं. जहां ग्रीन पटाखों से अधिकतम 110 से 125 डेसिबल तक का ही ध्वनि प्रदूषण होता है वहीं, नॉर्मल पटाखों से 160 डेसिबल तक ध्वनि प्रदूषण होता है. आप सरकार की ओर से रजिस्टर्ड दुकान से या फिर ऑनलाइन इनकी खरीदारी कर सकते हैं.

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