हैदराबाद, 18 अप्रैल: हैदराबाद की एक फास्ट-ट्रैक अदालत ने मंगलवार को एक निजी स्कूल के ड्राइवर को चार साल की बच्ची का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में 20 साल की जेल की सजा सुनाई. अदालत ने बीमाना रजनी कुमार (34) को दोषी ठहराया और सजा सुनाई. हालांकि, इसने स्कूल की प्रिंसिपल एस. माधवी को बरी कर दिया. यह भी पढ़ें: IPL 2023: मुंबई पुलिस ने वानखेड़े स्टेडियम से पांच सट्टेबाजों को किया गिरफ्तार
प्रिंसिपल के ड्राइवर के तौर पर काम कर रहे कुमार को पिछले साल 19 अक्टूबर को एलकेजी की छात्रा का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. बंजारा हिल्स स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल को भी लापरवाही के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. घटना का पता तब चला जब पीड़िता के माता-पिता ने उसके व्यवहार में बदलाव देखा. पूछताछ करने पर उसने बताया कि रजनी कुमार पिछले तीन महीने से उसका यौन शोषण कर रहा था. वह उसे क्लासरूम से डिजिटल क्लासरूम में ले जाता था. किसी समय आरोपी उसे स्कूल के अंदर के कमरे में ले गया, उसके कपड़े उतरवाए और उसके साथ दुष्कर्म किया.
मारपीट की खबर सुनते ही पीड़िता के माता-पिता और अन्य रिश्तेदार स्कूल पहुंचे और चालक की पिटाई कर दी. उसे बाद में पुलिस द्वारा गिऱफ्तार कर लिया गया. कुमार पर यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 ए और बी के तहत मामला दर्ज किया गया.
पीड़िता के परिजनों और अन्य लोगों के विरोध के बाद पुलिस ने लापरवाही के आरोप में प्रिंसिपल को भी गिरफ्तार कर लिया था. घटना के बाद तेलंगाना सरकार ने निजी स्कूल की मान्यता रद्द कर दी थी. चूंकि इस घटना से आक्रोश फैल गया था, सरकार ने स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपायों की सिफारिश करने के लिए एक समिति भी गठित की थी.