नई दिल्ली: कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन पिछले 26 नवंबर से लगातार जारी हैं. किसान आंदोलन खत्म करवाने के लिए मोदी सरकार (Modi Govt) के मंत्री हर कोशिश कर रहे है. लेकिन प्रदर्शनकारी किसान अपनी मांगो पर अड़े हुए हैं. किसानों का साफ कहना कि जब इस काले कानून को सरकार वापस नहीं लेगी तब तक उनका आंदोलन इसी तरह चलता रहेगा. किसानों के आंदोलन को लेकर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Union Minister Piyush Goyal) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि माओवादी और नक्सल किसानों को चर्चा करने से रोक रहे हैं.
पीयूष गोयल ने कहा भारत सरकार के द्वार 24 घंटे किसानों के लिए खुले हैं. मैं समझता हूं कि अगर ये किसान आंदोलन माओवादी और नक्सल ताकतों से मुक्त हो जाए, तो हमारे किसान भाई-बहन जरूर समझेंगे कि किसान के ये बिल उनके और देशहित के लिए हैं. लेकिन किसान के कुछ नेताओं ने इस आंदोलन को हाइजैक कर लिया है. नक्सल-माओवादी ताक़तें जो वहां हावी हो गई हैं. ऐसे में किसानों को समझना पड़ेगा कि ये आंदोलन उनके हाथ से निकल कर इन माओवादी और नक्सल लोगों के हाथ में चला गया है. यह भी पढ़े: Farmers Protest: राहुल गांधी बोले, 17 दिनों में 11 किसानों ने दम तोड़ा- कितनी और आहुति देनी होगी
हमने उनकी पुरानी बातों में से निचोड़ निकालकर जो उनके संदेह नज़र आए उस पर एक बहुत अच्छा प्रपोजल दिया लेकिन उस पर भी कोई चर्चा करने को तैयार नहीं है। बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि माओवादी और नक्सल उन्हें चर्चा से रोक रहे हैं: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल pic.twitter.com/Ade2u2s1Kg
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 12, 2020
केंद्रीय मंत्री गोयल ने 8 दिसंबर को किसानों द्वारा बुलाये गए भारत बंद को लेकर विपक्ष पर भी हमला किया. उन्होंने कहा विपक्ष के 18 दलों ने मिलकर कोशिश कर ली पर भारत नहीं बंद हुआ. भारत चलेगा, भारत और तेज़ चलेगा, दौड़ेगा. ये विश्वास आज देश में है.