Farmers Protest: कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलने वाले 90 लोगों का खेती से कोई लेना-देना नहीं, किसान नेता जसबीर सिंह ने लगाया बड़ा आरोप

कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को तीन हफ्ते होने जा रहे हैं लेकिन किसान और केंद्र सरकार के बीच यह मामला सुलझने की जगह उलझता जा रहा है. केंद्र द्वारा पारित किए गए नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान सिंघु, टिकरी, चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर पर कड़ाके की ठंड के बावजूद बीते 17 दिनों से डेरा डाले हुए हैं.

उत्तराखंड के किसानों ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से की मुलाकात (Photo Credits: ANI)

नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को तीन हफ्ते होने जा रहे हैं लेकिन किसान और केंद्र सरकार के बीच यह मामला सुलझने की जगह उलझता जा रहा है. केंद्र द्वारा पारित किए गए नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान सिंघु, टिकरी, चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर पर कड़ाके की ठंड के बावजूद बीते 17 दिनों से डेरा डाले हुए हैं. इस बीच रविवार को उत्तराखंड (Uttarakhand) के किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) के आवास पर उनसे मुलाकात की और कृषि कानूनों को हितकारी बताते हुए समर्थन किया. जिसके बाद सिंघु बॉर्डर पर उत्तराखंड से किसान नेता जसबीर सिंह (Jasbir Singh) ने कहा “एक कि एक विधायक दो बसें लेकर आए थे जिनमें से 90 आदमी वो हैं जिनका खेती से कोई लेना-देना नहीं है. जबकि 10 किसान जो बैठक में उपस्थित थे वह अन्य व्यवसाय से भी जुड़े हैं. उन्होंने ढूंढकर सिख लोगों को लाया था, जिससे यह साबित हो सके कि सिख सरकार के साथ खड़े है.” हरियाणा-दिल्ली सीमा पर भारी संख्या में पहुंचे किसान, पन्नू 14 दिसंबर को करेंगे भूख हड़ताल

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी (Kailash Choudhury) ने कहा कि कृषि के तीनों क़ानूनों का समर्थन करने वाले किसानों को मैं धन्यवाद देना चाहता हूं. उन्होंने कहा “मैं आंदोलनकारी किसानों से आग्रह करता हूं कि इसका रास्ता बातचीत से ही निकलने वाला है.” उधर, सिंघु बॉर्डर से किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया की सोमवार को सभी किसान संगठनों के मुखिया सुबह 8 बजे से शाम पांच बजे तक एक दिन के लिए भूख हड़ताल रखेंगे. Farmers Protest: किसानों के समर्थन में आम आदमी पार्टी, कल एक दिन का रखेंगी उपवास

उल्लेखनीय है कि सितंबर में लागू किए गए तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने के बारे में केंद्र सरकार से कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिलने के बाद, शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने प्रदर्शनों को पूरे देश तक विस्तारित करने की बात कही है.

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