दिल्ली: उत्तर प्रदेश के किसानों ने खत्म किया प्रदर्शन, सरकार ने 15 में 5 मांगो को मानी
सरकार के खिलाफ मोर्चा करते किसान (Photo Credits ANI)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सहारनपुर के किसानों (Farmers) ने सरकार के खिलाफ अपनी प्रमुख मांगों को लेकर मोर्चा प्रदर्शन करते हुए शनिवार को दिल्ली (Delhi) पहुंचे थे. जो उनका यह मोर्चा दिल्ली कुच करने वाला ही था. लेकिन सरकार ने उनका बिजली के बिल को कम करने, किसानों के कर्ज माफ़ी संबंधित 15 मांगो में 5 मांगो को मान लिया है. जिसके बाद इन किसानों ने सरकार के खिलाफ शुरू किये गये इस मोर्चे को खत्म करने का ऐलान किया है. इस ऐलान के बाद ये किसान अपना मोर्चा खत्म करके दिल्ली से सहारनपुर (Saharanpur) लौट जाएंगे.

मोर्चा प्रदर्शन कर रहे इन किसानो में 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल सरकार से बात करने के लिए कृषि भवन में जाकर कृषि मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात किया. जिसके बाद सरकार ने उनकी 15 मांगों में पांच मांगो को मानने को तैयार हुई.किसानों की माने तो बाकी अन्य दस मांगो को लेकर वे पीएम मोदी से मिलकर उनके समक्ष अपनी बात को रखेंगे. यह भी पढ़े: उत्तर प्रदेश से हजारों की संख्या में किसान अपनी मांगों को लेकर पहुंचे दिल्ली, कहा- मांगे पूरी नहीं होने तक जारी रहेगा विरोध प्रदर्शन

वहीं इन किसानों की मांगो को लेकर कांग्रस महासचिव प्रियंका गांधी की तरफ से ट्वीट किया है. जिस ट्वीट में उनकी तरह से लिखा गया गया है कि क्या कारण है कि किसानों को दिल्ली आकर अपनी माँग उठाने से रोक दिया जाता है? भाजपा सरकार अपने प्रचार में तो किसानों की भलाई बताती फिरती है?

प्रियंका गांधी ने किसानों की मांगों को लेकर किया ट्वीट

किसानों की ये थी प्रमुख मांगे:

सरकार के खिलाफ मोर्चा प्रदर्शन कर रहे इन किसानों की प्रमुख मांगे थी उसमें सभी किसानों के कर्जे पूरी तरह माफ हों, किसानों को सिंचाई के लिए बिजली मुफ्त दी जाए, किसान व मजदूरों की शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त हों,फसलों का उचित मूल्य दिया जाए, गन्ना बकाये का 14 दिनों में भुगतान कराया जाए,स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाए,किसान व मजदूरों को 60 वर्ष की आयु के बाद 5,000 रुपए प्रतिमाह पेंशन दिया जाए. इन प्रमुख मागों में सरकार ने उनके पांच मांगों को मां लिया है. खबरों की माने तो बाकी अन्य मांगो के बार में किसानों को आश्वासन दिया गया है कि उनकी अन्य मांगो के बारे में विचार किया जाएगा