Farm Bill Row 2020: राहुल गांधी का 6 अक्टूबर को हरियाणा दौरा, कांग्रेस ने कृषि बिल के विरोध में मोदी सरकार को घेरने के लिए विधायकों के साथ की बैठक

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन को भुनाने में जुटी कांग्रेस ने राहुल गांधी के 6 अक्टूबर के दौरे से पहले हरियाणा में एकजुट प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए रविवार को राज्य के पार्टी विधायकों और अन्य की बैठक बुलाई। पंजाब में राहुल की 'ट्रैक्टर रैली' समाप्त होने के बाद इस सिलसिले में उनका यह दूसरे उत्तर भारतीय राज्य का दौरा होगा.

राहुल गांधी (Photo Credits ANI)

नई दिल्ली:  नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन को भुनाने में जुटी कांग्रेस ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के 6 अक्टूबर के दौरे से पहले हरियाणा (Haryana)में एकजुट प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए रविवार को राज्य के पार्टी विधायकों और अन्य की बैठक बुलाई.  पंजाब में राहुल की 'ट्रैक्टर रैली' समाप्त होने के बाद इस सिलसिले में उनका यह दूसरे उत्तर भारतीय राज्य का दौरा होगा.

15, जीआरजी रोड स्थित कांग्रेस के वॉर रूम में हुई बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राज्य इकाई प्रमुख कुमारी शैलजा और राज्य मामलों के प्रभारी विवेक बंसल व अन्य ने भाग लिया. दिलचस्प बात यह है कि हुड्डा पार्टी नेताओं द्वारा कांग्रेस प्रमुख को लिखे गए पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में से एक थे, जिसमें पार्टी के भीतर व्यापक सुधार की मांग की गई थी. यह भी पढ़े: Farm Bills 2020: कृषि बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी पंजाब सरकार-वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल

राहुल गांधी द्वारा रविवार को पंजाब के मोगा जिले के बधनी कलां से कांग्रेस की 'ट्रैक्टर रैली' शुरू होनी निर्धारित है और लुधियाना में एक सार्वजनिक रैली को भी संबोधित करेंगे. हरियाणा सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि ट्रैक्टर रैली को राज्य में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी, क्योंकि हरियाणा कांग्रेस इस तरह के परिदृश्य में बड़े पैमाने पर आंदोलन की तैयारी कर रही है.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पहले ही पार्टी शासित राज्यों को संविधान के अनुच्छेद 254 (2) के तहत अपने-अपने राज्यों में कानून पारित करने की संभावनाओं का पता लगाने का निर्देश दिया है, जो राज्य विधानसभाओं को केंद्रीय कानूनों को रद्द करने के लिए कानून पारित करने की अनुमति देता है.  पारित प्रस्ताव को फिर राष्ट्रपति की सहमति के लिए भेजा जाता है. कांग्रेस सांसद टीएन प्रतापन पहले ही इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का रुख कर चुके हैं.

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