गुजरात: बर्खास्त IPS अधिकारी संजीव भट्ट को कोर्ट ने सुनाई उम्र कैद की सजा, हिरासत में मौत का मामला

गुजरात की जामनगर कोर्ट एक युवक को हिरासत में मौत मामले में पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट और उनके सहयोगी को दोषी पाते हुए दोनों लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई है. दरअसल 1990 में जामनगर में भारत बंद के दौरान हिंसा हुई थी. भट्ट उस वक्त जामनगर के एएसपी थे. इस दौरान 133 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इन्ही लोगों में प्रभुदास माधवजी वैश्नानी नामक एक पीड़ित की मौत हो गई थी.

पूर्व IPS संजीव भट्ट (Photo Credits: PTI)

गांधीनगर: पुलिस हिरासत में एक युवक के मौत मामले में बर्खास्त पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट और उनके सहयोगी के खिलाफ गुजरात की जामनगर कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. इस मामले में कोर्ट सुनवाई करते हुए दोनों लोगों को दोषी पाते हुए उम्र कैद की सजा सुनवाई है. दरअसल, 1990 में जामनगर में भारत बंद के दौरान हिंसा हुई थी. भट्ट उस वक्त जामनगर के एएसपी थे. इस दौरान 133 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इन्ही लोगों में प्रभुदास माधवजी वैश्नानी नामक एक पीड़ित की मौत हो गई थी.

पीड़ित की मौत के बाद भट्ट और उनके सहयोगियों पर पुलिस हिरासत में मारपीट का आरोप लगा था. इस मामले में संजीव भट्ट व अन्य पुलिसवालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, लेकिन गुजरात सरकार ने मुकदमा चलाने की इजाजत नहीं दी. 2011 में राज्य सरकार ने भट्ट के खिलाफ ट्रायल की अनुमति दे दी. जिस मामले में गुजरात के जामनगर कोर्ट में चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने इस केश में संजीव भट्ट और उनके सहयोगी को दोषी मानते हुए दोनों को उम्र कैद की सजा सुनवाई है. यह भी पढ़े: PM मोदी के धुर-विरोधी पूर्व IPS संजीव भट्ट को पुलिस ने हिरासत में लिया

जानें कौन हैं संजीव भट्ट

बता दें कि संजीव भट्ट गुजरात काडर के आईपीएस अधिकारी हैं जिन्होंने 2002 में गुजरात दंगों में तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे. उन्हें गुजरात सरकार ने साल 2015 में ही संजीव भट्ट को बर्खास्त कर दिया था.

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