Eid Moon Sighting 2020 in Kerala and Karnataka: केरल और कर्नाटक में आज नहीं दिखा चांद, रविवार को मनाई जाएगी ईद
केरल और कर्नाटक में शुक्रवार यानि आज चांद का दीदार नहीं हुआ. दोनों राज्यों में चांद के नहीं दिखने से अब ईद-अल-फितर का त्योहार 24 मई यानि रविवार को मनाया जाएगा. बता दें कि मुस्लिम समुदाय में चांद के दिखने के साथ ही पवित्र रमजान महीने का अंत माना जाता है और ईद-अल-फितर त्योहार की शुरुआत होती है.
Eid Moon Sighting 2020 in Kerala and Karnataka: केरल (Kerala) और कर्नाटक (Karnataka) में शुक्रवार यानि आज चांद का दीदार नहीं हुआ. दोनों राज्यों में चांद के नहीं दिखने से अब ईद-अल-फितर (Eid al-Fitr) का त्योहार 24 मई यानि रविवार को मनाया जाएगा. बता दें कि मुस्लिम समुदाय में चांद के दिखने के साथ ही पवित्र रमजान महीने का अंत माना जाता है और ईद-अल-फितर त्योहार की शुरुआत होती है.
इस्लाम धर्म की मान्यताओं के अनुसार, रमजान के पाक महीने में अल्लाह अपने बंदों के लिए जन्नत के दरवाजे खोल देते हैं और रोजेदारों की हर दुआ कुबूल होती है. इस महीने दुनिया भर के मुसलमान रोजा रखते हैं और अल्लाह की इबादत करके अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं. कहा जाता है कि इस महीने की गई इबादत का सवाब बाकी महीनों के मुकाबले 70 गुना ज्यादा मिलता है. रमजान में रोजेदारों के लिए कुरान पढ़ना और 5 वक्त की नमाज अदा करना काफी अहम माना जाता है.
बता दें कि इस्लामी पवित्र महीना यानि रमजान (Ramzan) इस बार 24 अप्रैल से केरल और कर्नाटक में शुरू हुआ था. दोनों ही राज्यों में पहली बार गुरुवार को चांद देखा (Moon Sighting) गया था. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक देश में पहली बार केरल के कोझिकोड (Kozhikode) के कप्पड़ (Kappad) में चांद का दीदार हुआ. उसके बाद कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ (Dakshina Kannada) और उडुपी (Udupi) जिलों में चांद देखा गया था.
गौरतलब हो कि रोजे के दौरान सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के बीच कुछ भी खाने-पीने की मनाही होती है. रोजे के दौरान सुबह सूर्योदय से पहले उठकर रोजेदार पौष्टिक चीजें खातें है, जिसे सहरी कहते हैं और फिर करीब 16 घंटे तक बिना कुछ खाए-पिए सूर्यास्त के बाद इफ्तारी करके रोजा खोलते हैं. रमजान के पुरे महीने रोजे रखने के बाद एक शव्वाल को ईद-उल-फित्र त्यौहार मनाई जाती है.