लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) से संबंधित कथित आपत्तिजनक सामग्री साझा करने पर एक पत्रकार और एक टीवी चैनल के संपादक तथा प्रमुख की गिरफ्तारी को एडिटर्स गिल्ड (Editors Guild) ने रविवार को निंदा की. इसके साथ ही एडिटर्स गिल्ड की तरफ से पुलिसिया कार्रवाई को ‘कानून का अधिकारवादी दुरुपयोग’ तथा प्रेस को डराने का प्रयास करार दिया गया बता दें कि लखनऊ के हजरतगंज थाने में नोएडा के पत्रकार प्रशांत कनौजिया के खिलाफ शुक्रवार रात को प्राथमिकी दर्ज की गयी. प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि आरोपी ने मुख्यमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की और उनकी छवि खराब करने की कोशिश की.
कनौजिया ने ट्विटर और फेसबुक पर एक वीडियो डाला था जिसमें एक महिला को मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर कई मीडिया संस्थानों के संवाददाताओं से बातचीत करते हुए देखा जा सकता है और वह दावा कर रही है कि उसने मुख्यमंत्री को विवाह प्रस्ताव भेजा है. गिल्ड के अनुसार, नोएडा से संचालित टीवी चैनल नेशनल लाइव की संपादक इशिता सिंह और प्रमुख अनुज शुक्ला को भी उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया है. यह भी पढ़े: सबरीमाला विवादः प्रदर्शनकारियों ने महिला पत्रकारों पर बोला हमला, पुलिस ने भाजी लाठियां
गिल्ड ने एक बयान में कहा, ‘‘पुलिस की कार्रवाई कठोरतापूर्ण, मनमानी और कानूनों के अधिकारवादी दुरुपयोग के समान है.’’बयान में कहा गया कि गिल्ड इसे प्रेस को डराने-धमकाने तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटने के प्रयास के तौर पर देखती है. इसमें कहा गया है कि प्राथमिकी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ ‘संबंधों’ का दावा करने वाली महिला के वीडियो को ट्विटर पर साझा करने पर आधारित है. गिल्ड ने कहा कि टीवी चैनल ने इस विषय पर वीडियो प्रसारित किया था.