Fairplay Satta Matka App Case: फेयरप्ले सट्टा मटका ऐप के खिलाफ ED की बड़ी कार्रवाई, मुंबई और कच्छ में 8 जगहों पर की छापेमारी
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Fairplay Satta Matka App Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ईडी ने पीएमएलए, 2002 के तहत मुंबई और कच्छ में 8 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया. इस छापेमारी का मुख्य उद्देश्य 'फेयरप्ले' ऑनलाइन सट्टा (Satta Matka) नेटवर्क की जांच करना था, जो क्रिकेट और आईपीएल मैचों के अवैध प्रसारण और विभिन्न ऑनलाइन सट्टेबाजी (Satta Matka) गतिविधियों से संबंधित है. तलाशी अभियान के दौरान, ईडी ने कई आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस, और अचल संपत्ति से संबंधित दस्तावेज बरामद किए.

इसके अलावा, चल संपत्ति के रूप में लगभग 4 करोड़ रुपये का नकद, बैंक फंड और चांदी की छड़ें भी जब्त की गईं. अब तक, फेयरप्ले बेटिंग ऐप (Fairplay Satta Matka App Case) मामले में कुल जब्ती 117 करोड़ रुपये के आस-पास पहुंच गई है, जो इस बात का प्रमाण है कि यह मामला कितना गंभीर है और इसकी जड़ें कितनी गहरी हैं.

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फेयरप्ले सट्टा मटका (Fairplay Satta Matka) ऐप के खिलाफ ED की बड़ी कार्रवाई

क्यों महत्वपूर्ण है यह मामला?

"फेयरप्ले" मामला ऑनलाइन सट्टेबाजी (Satta Matka) और अवैध प्रसारण (Illegal Broadcasting) से संबंधित गतिविधियों का एक बड़ा नेटवर्क है. यह कार्रवाई उन लोगों के लिए चेतावनी है, जो ऐसे अवैध कार्यों में लिप्त हैं. ईडी की जांच यह साबित कर रही है कि इस तरह की गतिविधियों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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इस जांच की शुरुआत एक एफआईआर से हुई थी, जिसे वायाकॉम18 मीडिया प्राइवेट लिमिटेड (Viacom18 Media Pvt Ltd) ने मुंबई में नोडल साइबर पुलिस के साथ दर्ज कराया था. रिपोर्ट के अनुसार, फेयरप्ले स्पोर्ट्स LLC और इसके सहयोगी कंपनियों का एक जटिल नेटवर्क काम कर रहा था, जिसने वायाकॉम18 को 100 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाया है.

फेयरप्ले के मास्टरमाइंड का पर्दाफाश

इस मामले में मुख्य आरोपी क्रिश लक्ष्मिचंद शाह हैं, जिन्हें फेयरप्ले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है. ईडी की जांच में कई अंतरराष्ट्रीय शेल कंपनियों का पता चला है, जो फेयरप्ले के संचालन में मदद कर रही हैं. इनमें शामिल हैं: प्ले वेंचर्स एनवी व डच एंटिलीज मैनेजमेंट एनवी, जो क्यूरेको में स्थित हैं, और फेयर प्ले स्पोर्ट LLC व फेयरप्ले मैनेजमेंट DMCC, जो दुबई में हैं. दुबई इस नेटवर्क का ऑपरेशनल नर्व सेंटर बन गया है, जहां तकनीकी और वित्तीय लॉजिस्टिक्स का प्रबंधन भारत में स्थित कंपनियों द्वारा किया जाता है.

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आगे की जांच और संभावित सजा

जांच के दौरान, ईडी ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य प्राप्त किए हैं, जिससे पता चलता है कि इस सट्टा नेटवर्क से जुड़े व्यक्तियों ने भारत में 100 करोड़ रुपये से अधिक की उच्च मूल्य की संपत्तियां प्राप्त की हैं. यह छापेमारी जून, अगस्त और सितंबर में की गई पहले की छापेमारी के बाद हुई, जिनमें लगभग 113 करोड़ रुपये के संपत्तियों को फ्रीज किया गया था. अब तक इस मामले में कुल 117 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है. यह पूरा मामला ऑनलाइन सट्टा और धन शोधन के खिलाफ सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय कार्रवाइयों में से एक है.