नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर कई राज्यों में हुए हिंसक प्रदर्शनों के पीछे पीएफआई (Popular Front of India) का हाथ होने की खबर सामने आई थी. जिसके बाद जांच शुरू हुई और खबर सामने आई कि हिंसा से पहले पश्चिमी यूपी के 73 बैंक खातों में 120 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम जमा की गई थी. जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने (ED) केरल के पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और गैर सरकारी संगठन रिहैब इंडिया फाउंडेशन के अधिकारीयों को दफ्तर आने के लिए कहा था. इसी कड़ी में PFI के अध्यक्ष मोहम्मद परवेज अहमद (Muhammad Pervez Ahmad) और ट्रस्टी शहीद अबुबकर (Shahid Aboobakar) को ईडी के दफ्तर पहुंचे. जहां उनसे इस मामले पूछताछ की जाएगी.
बता दें कि रिपोर्ट अनुसार ईडी ने पीएफआई के 73 बैंक खातों तथा सीएए और एनआरसी विरोधी प्रदर्शनों को 120 करोड़ रुपए फंडिंग के बात सामने आई थी. इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय साल 2018 से पीएफआई की जांच कर रहा था. इस दौरान ED ने 17 अलग-अलग बैंकों में पीएफआई के 27 खातों, आरएफआई के 9 खातों और 37 अन्य लोगों के अकाउंट पैसे डाला गया था. जिसे एनईएफटी, आरटीजीएस, आईएमपीएस के जरिए जमा कराया गया था. वहीं उत्तर प्रदेश की सरकार राज्य में हुई हिंसा के पीछे पीएफआई का हाथ बताते हुए इस पर बैन की मांग लगातार कर रही है.
वहीं अपने उपर लगे आरोपों के बाद पीएफआई ने एक बयान में कहा था, PFI संगठन ने कई बार यह बात कही है कि हम देश के कानून का पूरी तरह पालन करते हैं और सीएए विरोधी प्रदर्शनों से ऐन पहले 120 करोड़ रुपये पॉपुलर फ्रंट के खातों से हस्तांतरित होने के आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं और इस तरह के आरोप लगा रहे लोगों को इन दावों को साबित करना चाहिए.