मंदी की मार! गुजरात में 40 हजार हीरा कारीगरों की गई नौकरियां, 250 डायमंड यूनिट हुए बंद
मौजूदा आर्थिक मंदी का असर डायमंड उद्योग पर भी पड़ रहा है. परिणाम स्वरुप हजारों हीरा कारीगरों की नौकरियां चली गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मंदी की चपेट में आने से महज एक साल के अंदर 250 डायमंड यूनिट बंद हो गए है.
अहमदाबाद: मौजूदा आर्थिक मंदी (Economic Slowdown) का असर डायमंड (Diamond) उद्योग पर भी पड़ रहा है. परिणाम स्वरुप हजारों हीरा कारीगरों (Diamond Workers) की नौकरियां चली गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मंदी की चपेट में आने से महज एक साल के अंदर 250 डायमंड यूनिट बंद हो गए है.
गुजरात डायमंड वर्कर यूनियन (GDWU) ने कहा है कि पूरे गुजरात में डायमंड कटिंग और पॉलिशिंग यूनिटों में 40,000 से अधिक कारीगरों की नौकरियां छीन चुकी है. इतने बड़े पैमाने पर कारीगरों के बेरोजगार होने के अलावा अकेले सूरत में 250 हीरा यूनिट बंद हो गई है.
जिसके चलते जीडीडब्ल्यूयू (Gujarat Diamond Worker's Union) के सदस्यों ने सोमवार को राज्य के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल से मुलाकात की और राहत पैकेज की मांग की. इस दौरान यूनियन ने राज्य सरकार से बेरोजगार हीरा श्रमिकों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए रत्नदीप ज्योति योजना (Ratnadeep Jyoti scheme) शुरू करने की भी गुजारिश की.
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मौजूदा वित्तीय वर्ष के पहले चार महीनों में गुजरात में डायमंड उद्योग में 10-15 प्रतिशत नौकरियां कम हुई. कथित तौर पर चीन सहित पश्चिम एशिया में हीरे की मांग में कमी के कारण हीरा कारीगर बेरोजगार हो रहे है. बता दें कि भारत दुनिया में रफ डायमंड्स यानि कच्चे हीरे का सबसे बड़ा कटिंग और पॉलिशिंग सेंटर है, दुनिया के हर 15 रफ डायमंड्स में से 14 की प्रोसेसिंग यही हुई होती है.
गौरतलब हो कि साल 2009 में वैश्विक आर्थिक मंदी के दौरान सूरत में लगभग 2 लाख हीरा (डायमंड) कारीगर बेरोजगार हो गए थे. जबकि 400 डायमंड यूनिट बंद पड़ गए थे. हालांकि, एक साल के भीतर ही यह उद्योग मंदी के दौर से बाहर निकल गया था.