साल 2500 तक धरती में आएंगे ये खतरनाक बदलाव, भारत हो जाएगा बेहद गर्म: स्टडी
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यदि ग्लोबल वार्मिग यूं ही जारी रहती है तो वर्ष 2500 तक अमेजन बंजर, अमेरिका का मध्य पश्चिमी क्षेत्र ट्रापिकल (ऊष्णकटिबंधीय) और भारत बेहद गर्म हो जाएगा. ग्लोबल चेंज बायोलाजी नामक जर्नल में प्रकाशित यह अध्ययन भविष्य की ऐसी धरती के बारे में बताता है जो बिल्कुल अलग होगी.
वर्तमान समय में धरती कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रही है. जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण जैसी कई बड़ी समस्याएं हैं. निश्चित ही इन सभी के पीछे मानव जाती ही जिम्मेदार है. हालांकि आज के समय में इन चुनौतियों से निपटने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं लेकिन चुनौती इतनी बड़ी है कि सभी प्रयासों के बावजूद धरती में ऐसे परिवर्तन आ रहे हैं जो विनाशकारी साबित होने का खतरा है.
इस बीच वैज्ञानिकों ने चेताया है कि यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए तो वर्ष 2500 तक हमारी धरती काफी बदल जाएगी. अंतरराष्ट्रीय विज्ञानियों के एक दल ने अध्ययन के आधार पर सलाह दी है कि साल 2100 तक जलवायु अनुमान को नहीं रोका जाना चाहिए जब तक कि कार्बन डाईआक्साइड (CO2) के उत्सर्जन में उल्लेखनीय रूप से गिरावट नहीं आती है.
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यदि ग्लोबल वार्मिग यूं ही जारी रहती है तो वर्ष 2500 तक अमेजन बंजर, अमेरिका का मध्य पश्चिमी क्षेत्र ट्रापिकल (ऊष्णकटिबंधीय) और भारत बेहद गर्म हो जाएगा. ग्लोबल चेंज बायोलाजी नामक जर्नल में प्रकाशित यह अध्ययन भविष्य की ऐसी धरती के बारे में बताता है जो बिल्कुल अलग होगी.
शोधकर्ताओं ने बताया कि अत्यधिक आबादी वाले ऊष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में मनुष्यों के लिए हीट स्ट्रेस घातक स्तर पर पहुंच सकता है. शोधकर्ताओं ने इस बात की भी आशंका जताई है कि यदि ग्लोबल वार्मिग अपना और गंभीर असर दिखाती है और तापमान में अधिक वृद्धि होती है तो सागरों का जलस्तर बढ़ेगा.
शोधकर्ताओं के मुताबिक यदि हम पेरिस समझौते के लक्ष्य को हासिल करने में असफल रहते हैं और वैश्विक तापमान में दो डिग्री सेल्सियस से अधिक की बढ़ोतरी होती है तो हमें कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं. कई फसलों के लिए उपयुक्त क्षेत्र ध्रुवों की ओर बढ़ सकता है. साथ की कुछ फसलों के लिए उपयुक्त क्षेत्र में कमी भी आ सकती है.