नई दिल्ली, 15 दिसंबर : जल जीवन मिशन के तहत उत्तराखंड द्वारा 56.7 करोड़ रुपये पेयजल आपूर्ति योजना को मंजूरी दी गई है. यह राज्यस्तर पर अनुमोदन करने वाली समिति (एसएलएसएससी) की बैठक में तय किया गया. यह बैठक 13 दिसंबर, 2021 को बुलाई गई थी. 14 दिसंबर को जिन पांच जलापूर्ति योजनाओं को स्वीकृति दी गई गई है, उनमें दो एकल ग्राम योजनाएं हैं और तीन बहु-ग्रामीण योजनाएं हैं. योजनाओं के तहत 6,800 से अधिक ग्रामीण घरों को पाइप द्वारा पानी का कनेक्शन दिया जाएगा. इस तरह, पिछले एक महीने में उत्तराखंड में 549.60 करोड़ रुपये की लागत की स्वीकृतपेयजल आपूर्ति योजना में 706 गांवों को शामिल किया गया है. ये गांव छह जिलों के हैं और 49,298 घरों को फायदा होगा. अब तक राज्य में 15.18 लाख ग्रामीण घरों में से 7.49 लाख घरों (49.39 प्रतिशत) में नल द्वारा पानी पहुंचाया जा रहा है. वर्ष 2021-22 के लिए राज्य की योजना है कि 2.64 लाख घरों को पाइप से पानी का कनेक्शन दे दिया जाए.
जल जीवन मिशन के तहत प्रावधान किया गया है कि राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएसएससी) की स्थापना की जाए, ताकि ग्रामीण घरों को नल द्वारा पानी का कनेक्शन देने के प्रावधान बनाने के लिए योजना पर विचार किया जा सके तथा योजना को स्वीकृति दी जा सके. एसएलएसएससी, राज्यस्तरीय समिति के तौर पर काम करती है. यह जलापूर्ति परियोजनाओं पर विचार करती है. साथ ही वह राष्ट्रीय जल जीवन मिशन द्वारा नामित है तथा समिति की सदस्य है.
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने कहा कि हर घर को नलों द्वारा साफ पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने तथा महिलाओं और लड़कियों को दूर-दराज से पानी लाने की मेहनत से बचाने के लिए जो स्वप्न प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है, यह मिशन उस स्वप्न को पूरा करता है. इसके लिए मिशन ने अनुदान सहायता के रूप में उत्तराखंड को 2021-22 के दौरान 360.95 करोड़ रुपये जारी किए हैं. वर्ष 2019-20 में केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए 170.53 करोड़ रुपये का आवंटन किया था.
इस वर्ष केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उत्तराखंड के लिए 1,443.80 करोड़ रुपये आवंटित किए, जो पिछले वर्ष की तुलना में चार गुना अधिक हैं. जलशक्ति मंत्री ने यह चार गुनी अधिक सहायता स्वीकार करने के साथ राज्य को पूरी सहायता का आश्वासन दिया कि दिसंबर 2022 तक हर ग्रामीण घर में पाइप द्वारा पानी के कनेक्शन का प्रावधान कर दिया जाएगा. 15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन के आरंभ होने के समय, केवल 1.20 लाख (8.58 प्रतिशत) घरों को ही नल द्वारा पेयजल मिलता था. कोविड-19 महामारी के दौरान पैदा होने वाली अड़चनों और तालाबंदी के बावजूद 27 महीनों में राज्य ने 6.19 लाख (40.80 प्रतिशत) घरों को पानी का कनेक्शन उपलब्ध करा दिया. यह भी पढ़ें : ताजा खबरें | न्यायाधीशों की नियुक्ति के मामले में न्याय विभाग सहित सभी हितधारक ठोस प्रयास करें : समिति
जेजेएम कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए राष्ट्रीय जल जीवन मिशन ने राज्य से आग्रह किया है कि वह इस साल राज्य में 2.64 लाख ग्रामीण घरों को नल द्वारा पानी का कनेक्शन उपलब्ध करा दे. पिछले वर्ष के राज्य के हिस्से की तुलना में इस वर्ष के 1,443.80 करोड़ रुपये के केंद्रीय आवंटन के साथ और राज्य सरकार को शुरुआती धनराशि 111.22 करोड़ रुपये के आधार पर राज्य का 2021-22 का समकक्ष हिस्सा और कमी के हवाले से उत्तराखंड में जेजेएम के कार्यान्वयन के लिए 1,733 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध है. इस तरह, केंद्र सरकार सुनिश्चित कर रही है कि उत्तराखंड में बदलाव लाने वाले इस मिशन के क्रियान्वयन के लिए निधियों की कोई कमी न होने पाए.
इसके अलावा, 15वें वित्त आयोग ने वर्ष 2021-22 में ग्रामीण स्थानीय निकायों को पानी और स्वच्छता के लिए अनुदान की महत्ता को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड को 256 करोड़ रुपये आवंटित किए जा चुके हैं. अगले पांच वर्षो, यानी 2025-26 तक 1,344 करोड़ रुपये के संलग्न अनुदान राशि का आश्वासन है. उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों में यह भारी निवेश आर्थिक गतिविधियों में तेजी लायेगा तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा. इससे गांवों में आजीविका पैदा करने के अवसर भी बनेंगे.