चेन्नई, 13 जून : ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन ने शहर में पेयजल परियोजना के लिए विश्व बैंक से 376 करोड़ रुपये की धनराशि मांगी है. निगम के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया, इस परियोजना को जल संसाधन विभाग, मेट्रो जल, चेन्नई निगम और परिवहन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से क्रियान्वित किया जाएगा. यह परियोजना चेन्नई शहर भागीदारी कार्यक्रम के अंतर्गत आती है. चेन्नई सिटी कॉरपोरेशन परियोजना के लिए नोडल एजेंसी होगी. ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि इस योजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट जल्द ही विश्व बैंक को सौंपी जाएगी.
डीपीआर मेट्रो वाटर और चेन्नई कॉरपोरेशन के परामर्श से तैयार किया गया है. इस परियोजना के एक बार लागू होने के बाद निगम के निवासियों को निरंतर जल आपूर्ति प्रदान करने में मदद मिलेगी. जल संसाधन विभाग ने पुंडी और चेम्बरमबक्कम में मौजूदा जलाशय की भंडारण क्षमता को बढ़ाना भी शुरू कर दिया है. विभाग शहर के उपनगरीय क्षेत्रों में पानी की कुछ टंकियों का चौड़ीकरण और जीर्णोद्धार भी करेगा ताकि पूरे वर्ष पर्याप्त पानी की आपूर्ति हो सके. यह भी पढ़ें : दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल को मिला पहला ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट
चेन्नई निगम में जनसंख्या वृद्धि के साथ, पीने के पानी की आवश्यकता भी बढ़ रही है और इसलिए, निगम और जल संसाधन विभाग ने इसकी सहायता के लिए विश्व बैंक से संपर्क किया है, जिस पर वे सहमत हो गए हैं. हालांकि, निगम के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया, विश्व बैंक के वित्त पोषण की अंतिम मंजूरी के लिए सभी सूक्ष्म विवरणों के साथ एक निर्दोष डीपीआर की प्रस्तुति महत्वपूर्ण है.