Locust Attack in India: प्रयागराज में टिड्डियों का हमला, हरकत में आई जिला प्रशासन ने खेतों में किया छिड़काव

बुंदेलखंड में झांसी के बाद प्रयागराज के कुछ क्षेत्रों में मंगलवार रात को टिड्डियों का हमला शुरू हुआ और यह बुधवार तक जारी था. कोरांव और मेजा क्षेत्रों के विभिन्न गांवों में झुंडों के झुंडों ने हमला किया, हालांकि फसल को किसी तरह के बड़े नुकसान की सूचना नहीं मिली थी. धारवाड़ा, मदनी सिंह का पुरा, ताला, हाथरस और लोहंडी सहित कई गांव इस कीड़े से प्रभावित हैं.

टिड्डी दल का आतंक (Photo Credits: Twitter)

उत्तर प्रदेश, 11 जून: बुंदेलखंड में झांसी के बाद प्रयागराज के कुछ क्षेत्रों में मंगलवार रात को टिड्डियों का हमला शुरू हुआ और यह बुधवार तक जारी था. कोरांव और मेजा क्षेत्रों के विभिन्न गांवों में झुंडों के झुंडों ने हमला किया, हालांकि फसल को किसी तरह के बड़े नुकसान की सूचना नहीं मिली थी. टिड्डियों ने मंगलवार रात से ही गांवों के उपर मंडराना शुरू कर दिया था और वे पश्चिम की ओर बढ़ रहे थे. बुधवार की रात करछना ब्लॉक के गांवों में टिड्डे कहर बरपा रहे थे. यहां सब्जी के खेतों को उन्होंने लगभग पूरा चट कर दिया था.

सूत्रों के अनुसार, झुंड लगभग तीन किमी चौड़ा और एक किलोमीटर लंबा है. मिर्जापुर जिले से प्रयागराज में टिड्डियों के पहुंचने से पहले उन्हें सोमवार से मंगलवार के बीच सिंगरौली और सोनभद्र जिलों के कई गांवों में देखा गया था. हमले के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और खेतों में रसायन का छिड़काव किया गया. ग्रामीण कीटों को भगाने के लिए बर्तनों और ड्रमों के साथ तेज आवाज भी पैदा कर रहे हैं. कुछ ने शोर मचाने के लिए पटाखे का इस्तेमाल किया है.

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मुख्य विकास अधिकारी (प्रयागराज) आशीष कुमार ने कहा, "जिला अधिकारियों, ग्राम प्रधानों और ब्लॉक स्तर की टीमों को प्रशिक्षित किया गया था और उन्हें जानकारी दी गई थी कि टिड्डियों द्वारा संभावित हमले की स्थिति में उन्हें क्या करना था. अभी तक कोई बड़ी फसल नहीं लगाई गई है इसलिए कोई बड़े नुकसान की सूचना नहीं है. सब्जी की कुछ पैदावार को जरूर नुकसान हुआ है. हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और रसायनों का बफर स्टॉक है. सभी पड़ोसी जिलों को भी अलर्ट कर दिया गया है." धारवाड़ा, मदनी सिंह का पुरा, ताला, हाथरस और लोहंडी सहित कई गांव इस कीड़े से प्रभावित हैं.

 

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