Dhanbad Judge Death Case: हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच की निंदा की, एजेंसी के निदेशक को किया तलब

मुख्य न्यायाधीश रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने सीबीआई द्वारा 20 अक्टूबर को विशेष अदालत में दायर आरोपपत्र को 'अपूर्ण' और 'दोषपूर्ण' करार देते हुए कहा कि अब तक की गई जांच में एजेंसी विफल रही है. अदालत ने कहा कि जज की हत्या के पीछे का मकसद समझाने के मामले में सीबीआई विफल रही है.

धनबाद में जज की मौत (Photo: CCTV Video)

रांची: झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने धनबाद (Dhanbad) के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश उत्तम आनंद (Uttam Anand) की मौत के मामले में जांच की प्रगति पर असंतोष जताया और सीबीआई (CBI) पर नाराजगी व्यक्त करते हुए शुक्रवार को सीबीआई निदेशक को मामले की अगली सुनवाई पर 29 अक्टूबर को पेश होने का आदेश दिया. Dhanbad Judge Death Case: सीबीआई ने की बड़ी घोषणा, न्यायाधीश की मौत के मामले में सुराग देने वाले को मिलेगा पांच लाख का इनाम

मुख्य न्यायाधीश रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने सीबीआई द्वारा 20 अक्टूबर को विशेष अदालत में दायर आरोपपत्र को 'अपूर्ण' और 'दोषपूर्ण' करार देते हुए कहा कि अब तक की गई जांच में एजेंसी विफल रही है. अदालत ने कहा कि जज की हत्या के पीछे का मकसद समझाने के मामले में सीबीआई विफल रही है.

इसने कहा कि सीबीआई हत्या के पीछे के आरोपियों को गिरफ्तार करने और उनके मकसद का पता लगाने में असमर्थ रही है. उच्च न्यायालय ने कहा कि चूंकि इस मामले की निगरानी उसके द्वारा की जा रही है, इसलिए धनबाद की विशेष सीबीआई अदालत में आरोप पत्र दायर करने से पहले एजेंसी ने उसके साथ जानकारी साझा क्यों नहीं की.

अदालत ने कहा, "सीबीआई ने हमसे यह जानकारी क्यों छिपाई? सीबीआई से इसकी उम्मीद नहीं थी. यह एक त्रुटिपूर्ण आरोप पत्र है. मामले की निगरानी उच्च न्यायालय द्वारा की जा रही है और निगरानी का मतलब केवल खानापूर्ति करना नहीं होता है."

28 जुलाई को सुबह की सैर के दौरान धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर जिला सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद को तेज रफ्तार ऑटो-रिक्शा ने टक्कर मार दी थी और उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी. जज की पत्नी ने हत्या का मामला दर्ज कराया था. बाद में ऑटो-रिक्शा चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी. सीबीआई द्वारा दायर आरोप पत्र में ऑटो-रिक्शा चालक और सहायक पर हत्या का आरोप लगाया गया है और केंद्रीय एजेंसी मामले में शामिल और लोगों की तलाश में है, जिसकी जांच जारी है.

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