Manipur Violence: मणिपुर के 6 पुलिस थाना क्षेत्रों से AFSPA हटाने का मांग, राज्य सरकार ने केंद्र को लिखा पत्र
मणिपुर सरकार ने शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक पत्र लिखकर छह पुलिस थानों के अधिकार क्षेत्र से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA), 1958 को हटाने का अनुरोध किया है.
Manipur Violence: मणिपुर सरकार ने शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक पत्र लिखकर छह पुलिस थानों के अधिकार क्षेत्र से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA), 1958 को हटाने का अनुरोध किया है. यह निर्णय शुक्रवार को आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद लिया गया. कैबिनेट ने केंद्र सरकार से अपील की कि सेमकाई, लामसांग, लामलाई, जिरीबाम, लैमाखोंग और मोरंग पुलिस थानों के क्षेत्रों से एएफएसपीए (AFSPA) को हटाने के फैसले की समीक्षा की जाए और इसे रद्द किया जाए.
गौरतलब है कि गुरुवार (14 नवंबर) को जिरीबाम में हुई ताजा हिंसा के बाद इन क्षेत्रों में एएफएसपीए (AFSPA) को फिर से लागू किया गया था.
मणिपुर के 6 पुलिस थाना क्षेत्रों से AFSPA हटाने का मांग
मणिपुर में एएफएसपीए का इतिहास
मणिपुर को 1980 से ही एएफएसपीए (AFSPA) के तहत "अशांत क्षेत्र" घोषित किया गया है. हालांकि, 2004 में 32 वर्षीय थांगजम मनोरमा की हत्या के बाद हुए भारी विरोध प्रदर्शन के चलते इसे इंफाल के कुछ हिस्सों से हटा दिया गया था. 2022 के बाद से, अशांत क्षेत्र घोषित किए गए इलाकों को धीरे-धीरे कम किया गया है. अप्रैल 2022 में इसे छह जिलों के 15 पुलिस थानों से हटाया गया था. इसके बाद, 1 अप्रैल 2023 को चार और पुलिस थानों के अधिकार क्षेत्र से इसे हटा दिया गया. कुल मिलाकर, 19 पुलिस थानों से एएफएसपीए (AFSPA) हटाया जा चुका है, जो मुख्य रूप से मैतेई-बहुल घाटी में स्थित हैं.
मार्च 2023 में इस निर्णय को "सुरक्षा स्थिति में उल्लेखनीय सुधार" का संकेत बताते हुए मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि के रूप में प्रचारित किया गया था. लेकिन, इसके कुछ ही समय बाद, 3 मई 2023 को राज्य में जातीय हिंसा शुरू हो गई.
वर्तमान स्थिति
ताजा हिंसा और अशांति के बीच, मणिपुर सरकार ने यह कदम उठाते हुए एएफएसपीए (AFSPA) को हटाने की मांग की है. सरकार का कहना है कि इसे हटाने से स्थानीय निवासियों में विश्वास और शांति का माहौल बनेगा.