Delta Plus Variants: महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वेरिएंट से पहली मौत, अब और सख्ती से लागू होंगे नियम
कोरोना का कहर (Photo Credits: PTI)

मुंबई, 26 जून : महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोविड-19 के डेल्टा प्लस वेरिएंट से मौत होने का पहला मामला सामने आया है. रत्नागिरी में एक 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला की संक्रमण के कारण मौत हो गई है. इस बीच महा विकास अघाड़ी सरकार ने शुक्रवार को पूरे महाराष्ट्र में लेवल-3 मानदंडों को लागू करने के साथ ही व्यापक एवं सख्त प्रतिबंध के संकेत दिए हैं. एफडीए मंत्री डॉ. राजेंद्र शिंगने ने चेताया है कि संभावित तीसरी लहर में 50 लाख संक्रमण के मामले सामने आ सकते हैं, जिनमें से लगभग 8 लाख सक्रिय मामले होंगे, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता होगी.

उन्होंने आशंका जताई कि 10 प्रतिशत तक संक्रमित (5 लाख) बच्चे हो सकते हैं. उन्होंने लोगों से सभी कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने का आग्रह किया. राज्य में तीन करोड़ टीकाकरण का आंकड़ा पार हो चुका है, जो भारत में सबसे अधिक है, मगर तीसरी लहर की संभावना के बीच प्रदेश कोई भी कोताही नहीं बरतना चाह रहा. संशोधित स्तर-3 मानदंडों के तहत, सभी दुकानें शाम 4 बजे तक बंद हो जाएंगी. मॉल और सिनेमाघर बंद रहेंगे और लोगों की अनावश्यक आवाजाही पर कड़ी रोक लगेगी. स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा, कोविड-19 संक्रमण के डेल्टा प्लस वेरिएंट के कारण रत्नागिरी की एक 80 वर्षीय मरीज की मौत हो गई है. वर्तमान में राज्य में इसके लगभग 21 मामले हैं. यह भी पढ़ें : COVID-19: मुंबई में कोविड-19 के 693 नये मामले सामने आये, 20 और मरीजों की मौत

इनमें से रत्नागिरी में सबसे अधिक (9), उसके बाद जलगांव (7), मुंबई (2) और ठाणे, पालघर और सिंधुदुर्ग जिलों में एक-एक मामला सामने आया है. इन जिलों के साथ ही राज्य के बाकी हिस्सों में भी हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. टोपे ने यह भी कहा कि अन्य मरीजों की हालत स्थिर हैं और कुछ को छुट्टी दे दी गई है. उन्होंने कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है. मुख्य सचिव सीताराम कुंटे ने एक ताजा अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि डेल्टा और डेल्टा प्लस जैसे नए कोविड-19 वेरिएंट फैल गए हैं, जिससे एक व्यापक भौगोलिक क्षेत्र के साथ गंभीर तीसरी लहर की संभावना ने जन्म लिया है. इसमें कहा गया है कि वायरस के उत्परिवर्तन और इसके निरंतर विकास का मतलब है कि अप्रत्याशित स्थितियां व्यापक और सख्त प्रतिबंधों की आवश्यकता हो सकती हैं.

राज्य सरकार ने सभी जिलों को प्रसार को रोकने के लिए टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट पद्धति पर जोर देने के लिए कहा है, जैसा कि पिछले साल पहली लहर में किया गया था. राज्य ने कोरोनावायरस की एयरबोर्न-ड्रॉपलेट प्रकृति के कारण उचित वायु वेंटिलेशन मानदंडों के साथ सुरक्षित कार्यस्थलों का आह्वान किया है सभी को कोविड के उचित व्यवहार का पालन करने के लिए और उल्लंघन के मामले में भारी दंड चुकाने को लेकर चेताया भी है. इसके अलावा यह भी कहा गया है कि आने वाले दिनों में आरटी-पीसीआर परीक्षणों की संख्या बढ़ाई जाएगी. इसके साथ ही राज्य में टीकाकरण अभियान को एक बड़ा बढ़ावा दिया जाएगा. राज्य के तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (एलएमओ) के उत्पादन को मौजूदा 1,300 टन से बढ़ाकर 3,000 प्रतिदन किया जाएगा. सरकार ने सभी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (डीडीएमए) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि राज्य में टीकाकरण के लिए बड़ी संख्या में लोग आएं.