नयी दिल्ली, 16 अगस्त: दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर मंगलवार को खतरे के निशान के पार 205.33 मीटर पर पहुंच गया था, लेकिन एक दिन बाद बुधवार सुबह जलस्तर घटना प्रारंभ हो गया.
यमुना नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में गत दो दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से मंगलवार को नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया था. यह भी पढ़ें: Himachal Rains: कांगड़ा जिले के इंदौरा में बचाव अभियान शुरू, बाढ़ पीड़ितों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित स्थानों में भेजा गया (Watch Video)
केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) की वेबसाइट के अनुसार, बुधवार सुबह आठ बजे ओल्ड रेलवे ब्रिज पर जलस्तर 205.14 मीटर था. जलस्तर मंगलवार दोपहर तीन बजे चेतावनी के निशान 204.5 मीटर को पार गया था और रात 10 बजे तक तेजी से 205.39 मीटर तक पहुंच गया.
सीडब्ल्यूसी के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हालांकि, दिल्ली में नदी का जलस्तर निकासी अभियान शुरू करने के स्तर 206.00 मीटर तक नहीं बढ़ेगा, बशर्ते पहाड़ी क्षेत्रों में अधिक बारिश न हो.’’ दिल्ली में बुधवार को हल्की बारिश हुई और अगले कुछ दिन तक मौसम शुष्क रहने का अनुमान है.
हिमाचल प्रदेश में रविवार से हो रही बारिश में कम से कम 56 लोगों की मौत हो गयी है.
पिछले दो दिन से उत्तराखंड में भी बारिश का प्रकोप जारी है जिससे इमारतें क्षतिग्रस्त हो गयी और भूस्खलन से बदरीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री तक जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो गए हैं.
उत्तराखंड के देहरादून में आपदा नियंत्रण कक्ष ने कहा कि बारिश के कारण ज्यादातर नदियां उफान पर हैं.
दिल्ली को जुलाई के मध्य में अभूतपूर्व जलभराव और बाढ़ से जूझना पड़ा था. इतना ही नहीं, यमुना का जल 13 जुलाई को 208.66 मीटर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था. दिल्ली में बाढ़ के कारण 27,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था। बाढ़ के कारण करोड़ों का नुकसान हुआ है. नदी 10 जुलाई से लगातार आठ दिन तक खतरे के निशान से ऊपर 205.33 मीटर पर बहती रही थी.
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