दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर टैक्टर रैली (Tractor Rally) के दौरान घटित हिंसा और किसान संगठनों में फूट के बाद इसका असर किसान नेताओं पर पड़ा है. दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) से पहले कृषि कानूनों के विरोध में किसानों की तरफ से ऐलान हुआ था कि सरकार के विरोध में टैक्टर रैली के बाद एक फरवरी बजट के दिन संसद तक पैदल मार्च किया जायेगा. लेकिन दिल्ली हिंसा के बाद किसान संगठनों ने पैदल मार्च को स्थगित करने का फैसला लिया है. कहा जा रहा है कि 30 जनवरी को महात्गांमा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर एक दिन का उपवास रखेंगे.
सिंघु बॉर्डर पर पत्रकारों से बातचीत में किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल (Balbir Singh Rajewal) ने कहा, संगठन की तरफ से संसद मार्च स्थगित करने की घोषणा हुई है. उन्होंने कहा कि अगला कार्यक्रम अगली मीटिंग में तय किया जाएगा. वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rajesh Tikait) ने सरकार पर आरोप लगते हुए कहा कि कल दिल्ली में ट्रैक्टर रैली काफी सफल रही. अगर कोई घटना घटी है तो उसके लिए पुलिस प्रशासन ज़िम्मेदार है. कोई लाल किले पर पहुंच जाए और पुलिस की एक गोली भी न चले. यह किसान संगठन को बदनाम करने की साजिश है. सरकार और पुलिस कुछ भी कहे किसानों का आंदोलन जारी रहेगा. यह भी पढ़े: Farmers’ Tractor Rally Violence: कांग्रेस का गृहमंत्री पर निशाना, सुरजेवाला बोले-हिंसा के लिए जिम्मेदार अमित शाह इस्तीफा दें
अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि किसान आंदोलन को पहले दिन से ही बदनाम करना शुरू कर दिया गया था. 70 करोड़ किसान जो मेहनत कर देश को अन्न देता है उसे देशद्रोही कहा जाता है, इस तरह देशद्रोही बोलने की हिम्मत किसकी होती है, जो देशद्रोही होता है. वहीं किसानों को देशद्रोही बोल सकता है.
बाता दें कि दिल्ली हिंसा मामले में पुलिस ने अब तक 25 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज किए हैं, आरोपी की पहचान करने के लिए सीसीटीवी और वीडियो फुटेज की मदद ले रही हैं. पुलिस की तरफ से जो अब तक एफआईआर दर्ज हुई हैं. उसमें किसान नेता राकेश टिकैत समेत कई किसानों के नाम शामिल हैं. दिल्ली पुलिस का कहना है कि दिल्ली हिंसा मामले में दोषियों के खिलाड़ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी, किसी को बख्शा नहीं जायेगा.