Delhi Riots 2020: दिल्ली दंगा मामले में कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां सहित अन्य आरोपियों की बढ़ सकती है मुश्किलें, आरोप तय

राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने 2020 उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के सिलसिले में पूर्व कांग्रेस पार्षद इशरत जहां और 12 अन्य के खिलाफ दंगा भड़काने, गैरकानूनी सभा करने और हत्या के प्रयास के आरोप तय किए हैं.

(Photo : X)

नई दिल्ली, 20 जनवरी : राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने 2020 उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के सिलसिले में पूर्व कांग्रेस पार्षद इशरत जहां और 12 अन्य के खिलाफ दंगा भड़काने, गैरकानूनी सभा करने और हत्या के प्रयास के आरोप तय किए हैं. आरोपियों में इशरत जहां, खालिद सैफी, विक्रम प्रताप, समीर अंसारी, साबू अंसारी, इकबाल अहमद, अंजार, मोहम्मद इलियास, मोहम्मद बिलाल सैफी, सलीम अहमद, मोहम्मद यामीन और शरीफ खान शामिल हैं.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की अगुवाई वाली अदालत ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दंगा, हमला और हत्या के प्रयास जैसे अपराधों के लिए आरोप तय किए हैं. इसमें कहा गया है कि कथित अपराधों में आरोपी की संलिप्तता मानने के लिए प्रथम दृष्टया आधार थे. आरोपी व्यक्तियों पर दंगाई गतिविधियों में कथित संलिप्तता, लोक सेवकों के काम में बाधा डालने और दंगों के दौरान उन्हें उनके कर्तव्यों से विमुख करने के लिए नुकसान पहुंचाने का प्रयास करने का आरोप लगाया गया है. यह भी पढ़ें : Ram Mandir Pran Pratishtha Ceremony: राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले अयोध्या को दुल्हन की तरफ सजाने की तैयारी, बनाई जा रही है रंगोलियां, देखें वीडियो

अदालत ने पाया कि सार्वजनिक गवाहों ने कहा कि पुलिस के घटनास्थल से हटने के अनुरोध के बावजूद इन्होने पुलिस के खिलाफ हिंसा की. आरोप तय करते समय, अदालत ने घायल हेड कांस्टेबल के बयानों पर विचार किया और मुकदमे के दौरान और स्पष्टीकरण की आवश्यकता पर ध्यान दिया. इस मामले में यह आरोप शामिल है कि इशरत जहां और सैफी सहित आरोपियों ने दंगों के दौरान एक विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया और तितर-बितर होने के पुलिस के आदेशों का पालन करने से इनकार कर दिया. अदालत ने हालांकि घटना में शस्त्र अधिनियम की विशिष्ट धाराओं के तहत उन्हें बरी कर दिया.

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